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`डी’ की दहशत पर आंच, दुकान में बिकेगा कांच …यूपी के जैन ने खरीदी दाऊद की प्राॅपर्टी

सामना संवाददाता / मुंबई
भारत के मोस्ट वांटेड माफिया अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की मुंबई वाली जिस दुकान को खरीदने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा था, उस दुकान में अब कांच बिकेगा। क्योंकि अब दाऊद की दुकान को अब यूपी के कांच कारोबारी हेमंत जैन की हो गई है। हेमंत जैन इस दुकान में भी अपना कांच का ही कारोबार करेंगे।
इस दुकान को लेने के लिए हेमंत जैन ने २००१ में ही रुपए जमा करा दिए थे, लेकिन पुलिस और आयकर विभाग पर दाऊद का ऐसा खौफ था कि दुकान पर कब्जा और रजिस्ट्री के लिए दो दशक तक दौड़-भाग करनी पड़ी। अब जाकर दुकान की रजिस्ट्री हेमंत जैन के नाम हुई है। फिरोजाबाद के रहने वाले हेमंत जैन उत्तर थाना क्षेत्र के लहरी कंपाउंड के निवासी हैं। हेमंत जैन कभी फिरोजाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का जाना माना नाम थे। सितंबर २००१ में उन्हें पता चला कि मुंबई में बम धमाकों के मुख्य अपराधी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की संपत्ति को खरीदने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है।
२० सितंबर २००१ को १४४ वर्ग फीट की जयराज भाई स्ट्रीट मुंबई में स्थित दुकान के लिए एक लाख रुपए आयकर विभाग में जमा कराकर इस दुकान को खरीद लिया। इसके शेष एक लाख रुपए २८ सितंबर २००१ को जमा कराकर नीलामी की प्रक्रिया का भी काम पूरा कर दिया। हेमंत बताते हैं कि उनको मुंबई पुलिस और आयकर विभाग के बीच काफी चक्कर काटने पड़े। दाऊद की संपत्ति होने के चलते पुलिस हाथ नहीं डालना चाहती थी। कह देती थी कि आयकर से संपत्ति को खरीदा है तो मालिकाना हक वही दिलाएगी। इसके बाद कोर्ट- कचहरी का चक्कर काटते हुए २३ साल बाद अब दुकान पर मालिकाना हक मिल गया और इस दुकान की रजिस्ट्री हेमंत जैन के नाम पर हो गई है।
२००१ में दो लाख, अब कीमत २३ लाख
हेमंत बताते हैं कि जब २००१ में उन्होंने दाऊद की दुकान को खरीदा था तो इस संपत्ति की कीमत दो लाख रुपए थी।। अब मालिकाना हक मिला है तो इसकी कीमत सरकारी तौर पर २३ लाख रुपए कागजों में अंकित होकर आई है। २३ साल में इसकी कीमत २१ लाख रुपए और बढ़ गई।
दाऊद के गुर्गों से नहीं लगा भय
हेमंत कहते हैं कि उनको कभी दाऊद के गुर्गों से डर नहीं लगा। जिस संपत्ति को खरीदा है उसको भी बाहर से देखकर आए थे। उसमें दाऊद का गुर्गा खराद की मशीन लगाकर काम करता है। उसने भी कभी गलत बात नहीं की। संपत्ति को देखने के दौरान वह शांत ही रहा।
मुंबई में मनमानी से वसूली धनराशि
हेमंत का आरोप है कि मुंबई कोर्ट और आयकर विभाग ने उनकी नहीं सुनी। रजिस्ट्रार ड्यूटी के रूप में २३,१०० रुपए और स्टांप ड्यूटी के दंड के रूप में १ लाख २६,६८० रुपए जमा कराए। इसके अलाबा ५,४०० रुपए स्टांप ड्यूटी दंड के रूप में जमा करा लिए। उन्होंने कहा कि सन २०१७ में संपत्ति से जुड़ी फाइल खोने के बाद मुंबई तक दोबारा भागदौड़ करके कोर्ट द्वारा लड़ाई लड़कर मामला फिर शुरू कराया था।

दाऊद के बहनोई से मिला तो कहा- कब्जा ले लो
हेमंत दाऊद के बहनोई से भी संपत्ति को खरीदने के बाद मिले थे। मुंबई में बहनोई टोपीवाला से बात हुई तो उसने कहा कि आपने संपत्ति को इनकम टैक्स विभाग से खरीदा है इसलिए हमारी और आपकी कोई रंजिश नहीं और न आपत्ति है। आप इनकम टैक्स विभाग से कहिए वह कब्जा दिलाए और संपत्ति को ले लो।

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