सामना संवाददाता / मुंबई
नई सरकार में शिंदे और दादा गुट के सभी विधायक मंत्री बनना चाह रहे हैं। मगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पैंतरे के बाद वैâबिनेट में जगह पाने के लिए ‘कांव-कांव’ बढ़ गई है। असल में अमित शाह ने सभी मंत्रियों और विधायकों के रिपोर्ट कार्ड की जांच का संकेत दिया है। जिनका रिकॉर्ड अच्छा रहेगा, उन्हें ही वैâबिनेट में जगह दी जाएगी। इसके बाद शिंदे और दादा गुट के विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट कार्ड की जांच से विधायक-मंत्री नाराज!
शिंदे और अजीत पवार गुट के मंत्री और विधायक इस बात से नाराज हैं कि उनके रिपोर्ट कार्ड की जांच होगी। असल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व मंत्रियों और विधायकों के रिपोर्ट कार्ड की जांच के संकेत दिए हैं। इस रिपोर्ट कार्ड में जिनका कामकाज अच्छा पाया जाएगा, उन्हें ही नई वैâबिनेट में मौका दिए जाने की बात कही जा रही है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे क्षेत्रों में सभाएं की, जहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे नेताओं का रिपोर्ट कार्ड अच्छा नहीं माना जा रहा है। इसका मतलब है कि उनके काम से जनता संतुष्ट नहीं है। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव में महायुति को कई सीटों पर हार मिली थी। कुछ जगहों पर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की सभाओं में भीड़ नहीं जुटी। राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चा है कि भले ही विधायकों और पूर्व मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगा गया हो, लेकिन मंत्री पद की चाह रखने वाले विधायक दावा कर रहे हैं कि हमारे नेता ही हमारे बारे में सोचेंगे।