धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
शिंदे-भाजपा सरकार को अब लगने लगा है कि विधानसभा चुनाव के बाद वे सत्ता में नहीं रहेंगे। इसी डर से शिंदे-भाजपा सरकार न केवल लोकलुभावनी योजनाएं शुरू की हैं, बल्कि जल्दबाजी दिखाते हुए रोजाना जीआर जारी करने की झड़ी लगा रही है। इस महीने पिछले ११ दिनों में ६३० जीआर निकाले गए हैं। इसमें सर्वाधिक ४ और ५ सितंबर क्रमश: ११८ और ११७ शासनादेश जारी किए गए।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू है। अगले दो महीनों में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में महाराष्ट्र में किसी भी समय आचार संहिता लागू हो सकती है। राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच महायुति सरकार ने एक से ११ सितंबर के बीच ६४० सरकारी आदेश जारी किए। अधिकारियों ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद योजनाओं के लिए प्रशासनिक मंजूरी नहीं दी जा सकती है। लेकिन चल रही योजनाओं के लिए वित्तीय वितरण जारी रह सकता है। परिणामस्वरूप, महायुति सरकार नई योजनाओं के लिए आदेश जारी करने या चल रही योजनाओं की लागत में स्पष्ट वृद्धि करने की जल्दबाजी कर रही है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा १६ मार्च को हुई। इसके बाद आचार संहिता लागू होने के बाद १९ अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में मतदान हुए थे। वहीं आचार संहिता लागू होने के बाद महायुति सरकार ने मार्च में ३,५९७ शासनादेश जारी किए थे। इसमें से १६ मार्च तक २,६३० जारी किए गए थे।
कई योजनाओं को मिली है मंजूरी
ग्रामीण विकास विभाग ने सितंबर में सौ से अधिक जीआर जारी किए। इनमें से ८४ ग्रामीण तीर्थ स्थलों के विकास के लिए दी गई २७० करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी से संबंधित हैं। इनमें से अधिकांश कोल्हापुर, अमरावती और नासिक में हैं। नियोजन विभाग ने विकास निधि के लिए २६ करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर में २६ जीआर जारी किए हैं। इनमें कई ग्रामीण अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली है। जल संसाधन विभाग ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए प्रशासनिक मंजूरी से संबंधित जीआर जारी किए हैं।