-निर्दलियों को मिले ज्यादा वोट
सामना संवाददाता / मुंबई
हरियाणा के पिछले विधानसभा चुनाव में किंग मेकर रही दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी इस चुनाव में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। वर्ष २०१९ के विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने १० सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था और भाजपा ने जेजेपी के सहयोग से सरकार बनाई थी, लेकिन भाजपा से हाथ मिलाते ही दुष्यंत खत्म हो चुके हैं। दूसरी तरफ बहुमत का आंकड़ा पार करनेवाले नेशनल कॉन्प्रâेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री उनके बेटे उमर अब्दुल्ला होंगे।
उल्लेखनीय है कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी। हालांकि, लोकसभा चुनाव आते-आते दोनों की राहें जुदा हो गर्इं। भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला की इस चुनावी रण में दुर्दशा हो गई है। उचाना कलां सीट से खड़े दुष्यंत अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए हैं। उनसे ज्यादा वोट तो दो निर्दलियों को मिले हैं। दुष्यंत को महज ७,९५० वोट मिले हैं। इस सीट पर कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती निर्दलियों ने पेश की। यहां के निर्दलीय उम्मीदवार वीरेंद्र घोघरियां को ३१ हजार से ज्यादा वोट मिले हैं, वहीं विकास के खाते में १३ हजार से ज्यादा वोट गए। वीरेंद्र पहले कांग्रेस में थे। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर बाहर का रास्ता दिखाया था।