उमेश गुप्ता/वाराणसी
असत्य पर सत्य की, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी धर्म की नगरी काशी में धूमधाम से मनाया गया। नवमी तिथि को ही दशमी का मान लगने के साथ ही काशी में सर्वप्रथम रामनगर के किले में महाराज बनारस काशी नरेश ने शस्त्र पूजन की परंपरा का निर्वहन किया। शाही सवारी लीला स्थल के लिए निकली तो पूरा नगर उनकी अगवानी के लिए पूरे रास्ते उमड़ पड़ा। इस दौरान हर-हर महादेव के जयघोष के साथ उनका अभिवादन किया गया।
विजयदशमी पर धार्मिक की नगरी काशी में जगह-जगह अहंकारी रावण का पुतला दहन कर सत्य का असत्य पर विजय का पर्व मनाया गया।
काशी में पूरे पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण बनारस रेल इंजन कारखाना के खेल मैदान पर जलाया गया। 75 फिट के रावण के पुतले के अलावा मेघनाथ 65 फुट और कुंभकर्ण का पुतला 70 फुट भी जलाया गया। इसके पहले रामलीला का मंचन बीएलडब्ल्यू के बच्चे मोनो एक्टिंग के द्वारा किया। जिसमें दो से ढाई घंटे के बीच संपन्न हुए इस रामलीला में पूरे रामायण की रूप देखा प्रस्तुत की गई। इसके बाद सूर्यास्त होते ही रावण उनके भाई कुंभकरण और पुत्र मेघनाथ के विशाल पुतले में आग लगा दी गई। इस लीला को देखने के लिए वाराणसी सहित आसपास के जनपदों से भी बड़ी संख्या में लोग बारेका के खेल मैदान पर उपस्थित थे। रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले में आग लगते ही जोरदार आतिशबाजी भी हुई। इस अवसर पर उपस्थित भारी भीड़ के नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने बरेका के सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे।वहीं मलदहिया चौराहे पर भी आज शाम रावण का दहन किया गया।
मलदहिया स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल चौराहा पर समाज सेवा संघ की तरफ से पिछले 75 वर्षों से किए जा रहे रावण पुतला दहन इस वर्ष भी धूम धाम के साथ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल शामिल थे,इस बार रावण के पुतले की ऊंचाई 40 फीट है रावण दहन कार्यक्रम का शुरुआत शाम 4 बजे से शुरू हुआ। कार्यक्रम स्थल पर रावणदहन के दौरान जबरदस्त आतिशबाजी किया जा गया, विजयादशमी के महापर्व रावण दहन देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमडी है, इस अवसर पर जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा शांति कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस फोर्स भी लगाया था।