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२०१४ के बाद अप्रत्याशित रूप से बढ़ी आर्थिक विषमता …तो ८२ करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा क्यों?  …सिकुड़ रही हैं सीमाएं, बढ़ रही हैं सुरक्षा में सेंध ….लोकसभा में अखिलेश यादव ने दागे तीखे सवाल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार पर संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का हनन करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि देश के अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास हो रहा है। अखिलेश ने यह भी कहा कि सीमाओं की रक्षा करना किसी भी सरकार का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन वर्तमान समय में देश की सीमाएं सिकुड़ रही हैं और सीमा सुरक्षा में सेंध लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज ८२ करोड़ लोग सरकारी अन्न पर जिंदा हैं।
अखिलेश यादव ने संविधान को लोकतंत्र की प्राणवायु और शोषित-पीड़ित जनता का संरक्षक बताया। उन्होंने कहा कि संविधान ९० प्रतिशत जनता का सुरक्षा कवच है और इसे बचाना हमारे लिए जीवन और मरण का सवाल है। संसद में ‘भारत के संविधान की ७५ वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है और यही हमें समानता और न्याय की ओर ले जाती है। लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान अखिलेश ने जाति जनगणना की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान सरकार यह कार्य नहीं करती, तो विपक्ष इसे सत्ता में आकर जरूर करेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ जानबूझकर हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं हो रही हैं। अखिलेश ने देश में बढ़ती आर्थिक विषमता पर गहरी चिंता व्यक्त की।

उत्तर प्रदेश में ड्रग माफिया का राज
उधर लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो गई है। पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है। स्वास्थ्य सेवाएं दलाली और मुनाफाखोरी की गिरफ्त में हैं। उन्होंने जारी बयान में कहा कि पहले प्रयागराज में नकली प्लेटलेट्स का खुलासा हुआ और अब आगरा में नकली दवाई के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। प्रदेश में पूरब से लेकर पश्चिम तक ड्रग माफिया का राज है। इतने बड़े नेटवर्क को चलाने वालों के तार किस सत्ताधारी से जुड़े हैं, इसका पर्दाफाश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य मंत्री से पूछना चाहिए कि ये धांधली कैसे हो रही है। अगर इस अवैध कारोबार में पुलिस भी शामिल है, तो सीएम इसके लिए जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि २०१४ के बाद से विषमता अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। आज ८२ करोड़ लोग सरकारी अन्न पर निर्भर हैं, जबकि अर्थव्यवस्था ऊंचाई पर बताई जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि देश की ६० प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति आय क्या है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धार्मिकस्थलों के विवाद को बढ़ावा देकर देश का माहौल खराब किया जा रहा है।

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