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ईडी २.० ने बढ़ाई चिंता … बंद होगी १९ लाख किसान बहनों की किस्त!

चरण-दर-चरण जांच आगे बढ़ा रही है सरकार
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
विधानसभा चुनाव में लाडली बहनों का फायदा मिलने के बाद अब ईडी २.० उनकी चरण-दर-चरण चिंताओं को बढ़ा रही है। इसी के तहत लाभार्थी बहनों की अब पांच मानदंडों के आधार पर जांच शुरू हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में करीब १९ लाख किसान बहनों की भी किस्त सरकार बंद कर सकती है। दूसरी तरफ राज्य में सवा चार करोड़ महिला मतदाताओं में से ढाई करोड़ महिलाओं के परिवारों की वार्षिक आय वास्तव में ढाई लाख रुपए से कम है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि लाडली बहन योजना से लगभग पांच लाख लाभार्थी महिलाएं योजना से बाहर कर दी गई हैं। इनमें ६५ वर्ष से अधिक उम्र की, संजय गांधी निराधार और नमो शक्ति योजना की लाभार्थी महिलाओं का समावेश है। सरकार द्वारा एक ही परिवार में दो से अधिक महिला लाभार्थियों की भी जांच की जाएगी।

किसान महिलाओं की रकम में कटौती
केंद्र सरकार की किसान सम्मान योजना और राज्य सरकार की नमो किसान महा सम्मान योजना के तहत किसानों को सालाना १२ हजार रुपए दिए जाते हैं। राज्य में दोनों योजनाओं के ९५ लाख ५० हजार किसान लाभार्थी हैं, जिनमें १९ लाख महिला किसान हैं। इन महिलाओं को दोनों योजनाओं से प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलते हैं। सूत्रों के मुताबिक, लाडली बहन योजना में इन महिलाओं को मिलने वाला प्रतिमाह १,५०० रुपए का लाभ कम करके अब उन्हें केवल ५०० रुपए ही दिए जाएंगे। इसकी जानकारी कृषि विभाग से ली गई है।

इन योजनाओं की भी दो महीने से रुकी है किस्त
राज्य सरकार ने संजय गांधी निराधार योजना और श्रवणबल पेंशन योजना के लाभार्थियों के लिए आधार प्रमाणीकरण को बाध्य करने का निर्णय लिया है। नतीजतन, करीब १० लाख लाभार्थियों को जनवरी और फरवरी की किस्त का भुगतान नहीं किया गया है।

राशि वापस कराने के लिए अलग लेखा शीर्षक
मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना के मानदंडों के अनुसार, अयोग्य पाई गई महिलाओं से वापस आने वाली राशि को जमा करने के लिए एक अलग लेखा शीर्षक बनाया गया है। इस खाते में सीधे पैसे जमा किए जा सकेंगे। इसके अलावा जिला महिला व बाल कल्याण कार्यालय और तालुका बाल विकास परियोजना कार्यालय में भी राशि जमा की जा सकेगी।

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