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ईडी २.० सरकार में काम की नहीं है फिक्र … सीनियर अफसरों की सुनते नहीं … मनपा अस्पताल हैं कि मानते नहीं!

प्रोन्नति के बावजूद नहीं कर रहे कार्यमुक्त
सहायक चिकित्सा अधिकारी भी नहीं जाना चाहते नई जगह
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई मनपा का कामकाज सालों से जनप्रतिनिधियों के बिना ही चल रहा है। मनपा पर ईडी २.० सरकार का पूरी तरह से कंट्रोल है। इसके चलते मनपा के अन्य विभागों की तरह ही स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ तमाम अस्पताल भी मनमाने ढर्रे पर चल रहे हैं। इन अस्पतालों में सेवारत अधिकारियों और कर्मचारियों को न तो अपने वरिष्ठों का कोई भय और न ही मरीजों की कोई चिंता है। आलम यह है कि ये अपने वरिष्ठ अफसरों की भी नहीं सुन रहे हैं। दूसरी तरफ इन्हें सह देने का काम मनपा अस्पताल प्रशासन कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण सहायक चिकित्सा अधिकारियों को लेकर है।
कई सहायक चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति होने के बावजूद न तो वे संबंधित अस्पतालों को छोड़ना चाहते हैं और न ही उन्हें अस्पताल कार्यमुक्त करने के मूड में है। इसे लेकर अब मनपा प्रशासन सख्ती बरतना शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में मनपा के केईएम, सायन, नायर, कूपर जैसे चार प्रमुख अस्पतालों के साथ ही १६ उपनगरीय, ३० प्रसूति, पांच विशेष अस्पताल, २,११२ स्वास्थ्य केंद्र, १९२ दवाखाना, २५० हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना हैं, इनमें करीब ५००- ६०० सहायक चिकित्सा अधिकारी सेवारत हैं। इन चिकित्सा अधिकारियों में से लगभग ५० सहायक चिकित्सा अधिकारियों को पदोन्नति देने के संबंध में २१ जनवरी २०२५ को चिकित्सा अधिकारी वर्ग की पदोन्नति समिति की बैठक संपन्न हुई थी। इस बैठक में लिए गए पैâसले के मुताबिक, उक्त सहायक चिकित्सा अधिकारियों के पदोन्नति आदेश जारी किए गए। इसके तहत पदोन्नति आदेश प्राप्त करनेवाले अधिकारियों को एक महीने के भीतर कार्यमुक्त होकर पदोन्नति स्थान पर उपस्थित होना अनिवार्य है, लेकिन करीब साढ़े तीन महीने का वक्त गुजर जाने के बावजूद प्रमोशन पाने वाले असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसरों को संबंधित अस्पतालों ने कार्यमुक्त ही नहीं किया है।
प्रोन्नति स्थान पर नहीं जाना चाहते चिकित्सा अधिकारी
सूत्रों के मुताबिक, जिन सहायक चिकित्सा अधिकारियों को प्रोन्नति देकर मेडिकल ऑफिसर बनाया गया है, वे खुद भी जहां सेवारत हैं, वहां से नहीं जाना चाहते। यह भी जानकारी सामने आई है कि ये सभी तरह-तरह की जुगत लगाकर संबंधित अस्पतालों से जाना ही नहीं चाहते हैं। इसमें उनकी मदद अस्पताल प्रशासन की ओर से भी की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग हुआ सख्त
मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने हाल ही में लिखित आदेश जारी करते हुए सख्त लहजे में कहा है कि यह देखा जा रहा है कि पदोन्नति आदेश प्राप्त करनेवाले अधिकारियों को तुरंत कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें उसी स्थान पर कार्य करने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही उनके स्थान पर अन्य कर्मचारियों को स्थानांतरित करने की मांग की जा रही है। यह मामला अत्यंत आपत्तिजनक है। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर अधिकारियों को कार्यमुक्त नहीं किया गया और इससे उनकी सेवा वरिष्ठता प्रभावित हुई अथवा कोई न्यायिक मामला उत्पन्न हुआ तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित प्रतिष्ठान की होगी।

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