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‘ईडी’ २.० ने मारा हजारों गरीब छात्रों का हक! …स्वाधार योजना का नहीं दे रही लाभ

– रु. २५० करोड़ के फंड का है प्रावधान
-जारी किए सिर्फ ८३ करोड़ रुपए
-जरूरत है २६२ करोड़ रुपयों की
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
राज्य में अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समुदाय के ११वीं से ऊपरी कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को आर्थिक कठिनाइयों के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ जाती है। छात्रों को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्वाधार योजना चलाई जा रही है। चालू शैक्षणिक वर्ष में राज्य के ५४ हजार गरीब छात्रों ने इस योजना से भोजन, आवास और निर्वाह भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है, लेकिन शैक्षणिक वर्ष समाप्त होने के बावजूद भी इन गरीब परिवार के छात्रों को अभी तक एक भी पैसा नहीं मिला है। एक तरह से ‘ईडी’ २.० ने इन गरीब छात्रों को बेसहारा छोड़ दिया है। बताया गया है कि योजना के लिए २५० करोड़ के फंड का प्रावधान है, जबकि २६२ करोड़ रुपए की जरूरत है। हालांकि, महायुति सरकार ने केवल ८३ करोड़ ही दिए हैं। इस तरह ‘ईडी’ २.० सरकार ने इन गरीब छात्रों का हक मार लिया है।

ढाई लाख से कम वार्षिक आमदनी
११वीं, १२वीं, डिप्लोमा और डिग्री की शिक्षा प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समुदाय के छात्र स्वाधार योजना के लाभार्थी हैं। इनके परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख से कम है।

५४ हजार आवेदन
१५ जनवरी तक राज्य से ५४ हजार छात्रों ने स्वाधार योजना के लाभ के लिए आवेदन किया है। इन छात्रों के आवेदनों की अभी भी जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, निधि भी पूरी तरह से प्राप्त नहीं हुई है।

पहली बार ऑनलाइन
योजना में पारदर्शिता लाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने स्वाधार योजना का लाभ २०२४-२५ शैक्षणिक वर्ष से पहली बार ऑनलाइन किया है। साथ ही पहले जिला मुख्यालय और महानगर पालिका क्षेत्र में रहकर शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को ही स्वाधार योजना से छात्रवृत्ति दी जाती थी, लेकिन चालू शैक्षणिक वर्ष से पहली बार तालुका मुख्यालय के लाभार्थियों को भी शामिल किया गया है।

 

खजाना है खाली फिर
कैसे मिलेगी छात्रवृत्ति?

राज्य में गरीब तबके के ५४ हजार छात्रों का हक ‘ईडी’ सरकार ने मार लिया है। भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्वाधार योजना चलाई जाती है, जिसके तहत गरीब छात्रों को आर्थिक मदद दी जाती है। मगर वित्तीय वर्ष समाप्त होने को आ गया पर अभी तक उन्हें राशि नहीं दी गई है। अब समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले आवेदक छात्रों को छात्रवृत्ति मिल जाएगी। मगर सवाल यह है कि लोक लुभावन योजनाओं के कारण सरकार का खजाना खाली है, ऐसे में इन्हें छात्रवृत्ति वैâसे मिलेगी?
समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस साल पहली बार योजना का लाभ ऑनलाइन दिया जा रहा है और तालुका मुख्यालय में रहकर शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को भी इस साल पहली बार योजना में शामिल किया गया है।

योजना की स्थिति
 आवेदक छात्र : ५४,०००
 योजना के लिए निधि का प्रावधान : २५० करोड़
 लाभार्थियों के लिए आवश्यक निधि : २६२ करोड़
 अब तक प्राप्त निधि : ८३ करोड़

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