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ईडी २.० ने महिला दिन पर उड़ाया महिलाओं का मजाक! … इक्का दुक्का बहनों के खाते में आई ५०० रुपल्ली … रु. ३,००० आने की थी उम्मीद

सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत महायुति सरकार ने घोषणा की थी कि फरवरी और मार्च के ३,००० रुपए की किस्त महिला दिन पर बहनों के खाते में जमा की जाएगी। इसके तहत राज्य की तमाम लाभार्थी महिलाएं दो महीनों की किस्त आने की उम्मीद लगाए बैठी थीं। इस बीच सोलापुर के मंगलवेढा तहसील से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जिसमें ३,००० रुपए की किस्त का इंतजार कर रही एक लाडली बहन के खाते में सरकार की ओर से केवल ५०० रुपए जमा कराए गए हैं। यह कृत्य करके महायुति सरकार ने महिला दिन पर लाडकी बहनों का एक तरह से मजाक उड़ाने का काम किया है।
उल्लेखनीय है कि जुलाई २०२४ से तत्कालीन घाती मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना लागू की थी। इस योजना के तहत महिलाओं के आधार-लिंक खाते में हर महीने १,५०० रुपए जमा करने की घोषणा की गई थी। उसके अनुसार पैसे भी जमा किए गए। शुरुआत में विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह योजना चुनाव को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।

रु. २,१०० का इंतजार
चुनाव खत्म होने के बाद भी इस योजना के तहत किस्त जमा होने लगी, जिससे महिलाओं ने इस योजना का स्वागत किया। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के समय सत्ता में आने पर २,१०० रुपए देने का आश्वासन दिया गया था। सरकार गठन होने के चार महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक २,१०० रुपए की किस्त महिलाओं के खाते में जमा नहीं की गई है। इस बीच फरवरी महीने का हिस्सा लंबित पड़ा हुआ था।

महिला दिवस पर
ईडी २.० ने किया निराश
सरकार ने नहीं निभाया वादा
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर फरवरी और मार्च की किस्त एक साथ जमा होने की उम्मीद थी, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर महिलाओं ने सुनी थी। बजट सत्र के दौरान इस योजना पर चर्चा हुई थी। इस बीच कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ३,००० रुपए मिलने की उम्मीद रखने वाली मंगलवेढा तालुका की एक महिला के विदर्भ कोकण ग्रामीण बैंक की निंबोनी शाखा के खाते में फरवरी के हिस्से के रूप में केवल ५०० रुपए जमा करके महिलाओं का मजाक उड़ाने का प्रयास राज्य सरकार ने किया है। दूसरी तरफ सरकार के इस कृत्य से महिला भी निराश हुई है।
सरकार को निभाना चाहिए था वादा
महिलाओं का कहना है कि वास्तव में देखा जाए तो आज के दिन राज्य भर में महिलाओं के कर्तृत्व का गुणगान किया जा रहा है। महायुति सरकार को कम से कम आज तो इस संबंध में किए गए वादे को निभाना चाहिए था, लेकिन यह फिर से साबित हो गया है कि इस सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।

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