सुनील ओसवाल / मुंबई
‘लाडली बहन’ योजना का लॉलीपॉप देकर महायुति ने राज्य में फिर से सरकार तो बना ली, पर अब इस सरकार की हालत खराब है। फडणवीस सरकार के पास जरूरी चीजों को खरीदने के लिए भी पैसों की किल्लत हो गई है। खबर है कि राज्य में कई छोटे बस डिपो में र्इंधन खत्म हो चुका है। पैसे नहीं हैं, इसलिए वहां डीजल सप्लाई प्रभावित हुई है। ऐसे में सरकारी बसों पर ब्रेक लग चुका है, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए हैं।
रविवार को हजारों बस सेवाएं हुई रद्द!
कई छोटे बस डिपो पर डीजल खत्म हो जाने के कारण रविवार को हजारों बस सेवाएं रद्द कर दी गर्इं। जब इस संवाददाता ने निगम से इस बारे में पूछने की कोशिश की तो सरकारी छुट्टी के कारण कोई और जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी। हालांकि, अहिल्या नगर जिले के संगमनेर और अकोला स्थित परिवहन निगम के नियंत्रण कक्ष ने नाम न छापने की शर्त पर इसकी पुष्टि की है। पिछले दो दिनों से राज्य के तालुका स्तर के बस डिपो पर डीजल की आपूर्ति न होने के कारण महाराष्ट्र के कई छोटे-बड़े गांवों में जाने वाली एसटी बसों के कुछ रूटों पर बस सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। अकोला बस स्टेशन से सुबह ११:३० बजे राजूर, कसारा, शेलाड और पुणे जाने वाली कुछ बस सेवाओं को डीजल की कमी के कारण रद्द करना पड़ा। बसों में डीजल न होने के कारण अकोला डिपो की बसों को संगमनेर भेजकर र्इंधन भरा जा रहा है। अकोला डिपो नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि की है। राज्य सरकार ने यात्रियों के लिए कई योजनाएं घोषित की हैं और उन्हें लागू भी किया है, लेकिन कहा जा रहा है कि निगम का सरकार पर करोड़ों रुपये बकाया होने का नतीजा है। इस बात पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है कि सरकार निगम को अनुदान या बकाया राशि का भुगतान करने के बजाय दूसरी योजना पर धन खर्च कर रही है।