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‘ईडी’ सरकार को नहीं है मुंबईकरों के स्वास्थ्य की चिंता… ९० फीसदी मलबा कर रहा मुंबई को प्रदूषित!

-२ संयंत्रों में सिर्फ १०ज्ञ् का ही मनपा करती है प्रोसेस

-कंस्ट्र्रक्शन से रोज उत्पन्न होता है ८,५०० टन मलबा

-कैग की रिपोर्ट ने किया हैरान करनेवाला खुलासा

मुंबई में प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है। शहर में रोजाना ८,५०० टन कंस्ट्रक्शन का मलबा निकलता है, जिसका करीब १० फीसदी से कम की प्रोसेसिंग हो पाती है। यह हैरान करनेवाला खुलासा कैग की रिपोर्ट ने किया है।
कैग की रिपोर्ट पेश होने के बाद ‘ईडी’ सरकार की एक के बाद एक खामियां सामने आ रही हैं। रिपोर्ट ने सरकार के कई दावों को खोखला साबित कर दिया है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में निर्माण और ध्वंस (कंस्ट्रक्शन डेमोलिशन) मलबे का उत्पादन पिछले चार वर्षों में २०० प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। वर्ष २०२१-२०२२ में निर्माण व ध्वंस मलबा बढ़कर ६३.१२ लाख मीट्रिक टन हो गया, जिसमें से केवल १.४८ लाख मीट्रिक टन का ही प्रसंस्करण किया गया।
‘ईडी’ सरकार को मुंबई में बढ़ते प्रदूषण की कोई चिंता नहीं है। वैâग रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र ने २०१८-२०१९ में १६.५९ लाख मीट्रिक टन मलबा उत्पन्न किया था, जिसमें से केवल ०.२७ लाख मीट्रिक टन का ही प्रसंस्करण किया गया था। चार साल बाद, २०२१-२०२२ में, यह मलबा बढ़कर ६३.१२ लाख मीट्रिक टन हो गया। यह करीब ४०० फीसदी की बढ़ोतरी है। इसमें से केवल १.४८ लाख मीट्रिक टन का ही प्रसंस्करण किया गया। बाकी बचा २१.६९ लाख मीट्रिक टन मलबा को लैंडफिलिंग (जमीन भरने) के लिए उपयोग किया गया, वहीं बाकी बचे मलबे का कोई हिसाब ही नहीं है। निर्माण और ध्वंस मलबा उन सामग्रियों को संदर्भित करता है, जैसे सीमेंट, धूल, निर्माण सामग्री आदि जो किसी भी सिविल संरचना के निर्माण, मरम्मत और ध्वंस के दौरान उत्पन्न होते हैं। विशेष रूप से घरों के पुनर्निर्माण, पुनर्विकास परियोजनाओं और बुनियादी ढांचा कार्यों के दौरान बड़ी मात्रा में मलबा उत्पन्न होता है।
खुले मैदान में मलबा
अधिकांश मलबा खुले मैदानों और बिना कवर या उपचार वाले डंपिंग स्थलों पर अवैध रूप से फेंका जाता है, जिससे इस कचरे की धूल हवा में बनी रहती है
मनपा की जिम्मेदारी
‘निर्माण और ध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, २०१६’ के अनुसार, शहरी स्थानीय निकायों की यह जिम्मेदारी है कि वे इस मलबे को एकत्रित कर प्रसंस्करण करे। वैâग ने दर्शाया है कि राज्य बढ़ते हुए मलबे के ढेर से निपटने में संघर्ष कर रहा है, जो पिछले चार वर्षों में तेजी से बढ़ा है।

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