-अब सरकारी दफ्तरों में होगा प्रशिक्षण बंद
सामना संवाददाता / मुंबई
महिलाओं के वोट हासिल करने के लिए ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’ शुरू करने के बाद शिक्षित युवाओं के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना’ की घोषणा की गई थी। हालांकि, ‘ईडी’ २.० ने लाडले भाइयों का ‘सरकारी’ लाड बंद कर दिया है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत अब सरकारी दफ्तरों में प्रशिक्षण को बंद कर दिया गया है। इसी के साथ ही नए बदलाव के तहत शिक्षित युवाओं को निजी क्षेत्र में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले घोषित की गई ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना’, ‘मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना’, ‘मुख्यमंत्री वयोश्री योजना’, ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ जैसी कई योजनाओं के कारण राज्य सरकार के खजाने पर दबाव बढ़ गया है। इस वजह से अन्य योजनाओं के मापदंडों में बदलाव किए जा रहे हैं और योजनाओं के लाभार्थियों की सख्ती से जांच की जा रही है। शुरुआत में ज्यादातर युवाओं ने सरकारी कार्यालयों में ही प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया। साथ ही प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही उन्हें स्थाई रूप से नौकरी देने की मांग की। इस पर सरकार ने प्रशिक्षण की अवधि पांच महीने बढ़ा दी, लेकिन अब केवल निजी उद्योगों और संस्थानों में ही प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इस तरह की एक अनौपचारिक शर्त रखी गई है। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने वार्षिक लक्ष्य भी कम कर दिया है, ताकि हर साल योजना पर कम से कम राशि खर्च हो। अभी भी नए युवाओं के आवेदन बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण की अवधि ११ महीने कर दी गई है और आवेदक युवाओं को प्रशिक्षण का अवसर देते समय स्व-घोषणा पत्र भी लिया जा रहा है।
युवाओं को प्रशिक्षण से रोजगार का बड़ा अवसर
कौशल विकास, रोजगार, उद्योजकता व नाविन्यता विभाग की ओर से कहा गया है कि ‘मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना’ के तहत अब युवाओं को सरकारी कार्यालयों और संस्थानों के बजाय निजी उद्योगों और संस्थानों में प्रशिक्षण का अवसर दिया जाएगा। प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित युवाओं को नौकरी से पहले का अनुभव मिलेगा, जिससे उन्हें अच्छी जगह पर रोजगार मिल सके। यही योजना का मूल उद्देश्य है। प्रशिक्षण की अवधि अब ११ महीने कर दी गई है।