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चिराग पासवान के करीबी नेता के घर ईडी की रेड, पटना-बेंगलुरू सहित तीन ठिकानों पर छापेमारी

अनिल मिश्र/पटना

बिहार के बहुचर्चित पूर्व विधायक एवं बाहुबली लोजपा नेता हुलास पांडेय के ठिकाने पर आज ईडी की छापेमारी शुरू हुई जो समाचार लिखे जाने तक जारी है। ये रेड हुलास पांडेय के तीन ठिकानों पर चल रही है। जानकारी के अनुसार पटना के दो ठिकाने और बेंगलुरु के एक ठिकाने पर यह छापेमारी चल रही है। हुलास पांडेय चिराग पासवान के करीबी नेता बताए जाते हैं।

पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडे के तीन ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज एक साथ धावा बोला है। हुलास पांडे के पटना स्थित दो और बेंगलुरु स्थित एक ठिकाने पर छापेमारी चल रही है। पटना के गोला रोड स्थित उनके आवास के अलावा राजधानी के बोरिंग रोड इलाके में उनके कार्यालय में भी छापेमारी जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में बालू के अवैध खनन मामले को लेकर यह छापेमारी शुरू हुई है। बिहार में अवैध बालू खनन को लेकर ब्रॉडसन और आदित्य मल्टीकॉम कम्पनी के तार इस अवैध बालू खनन मामले से जुड़ा हुआ है।

हुलास पांडे बिहार में ऊंची रसूख वाले नेताओं में से एक हैं। इस तरह उनके ठिकानों पर ईडी की रेड को बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।वो बिहार में एमएलसी रहे हैं। फिलहाल वे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (एलजेपीआर) के नेता हैं। केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान के काफी करीबी बताए जाते हैं। उनकी गिनती बिहार के बड़े बाहुबली नेताओं में होती है। हुलास पांडे का नाम रणवीर सेना के प्रमुख ब्रम्हेश्वर मुखिया हत्या कांड में आया था। पुलिस की चार्जशीट में उनका नाम मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर आया था।मालूम हो कि हुलास पांडे पूर्व जदयू विधायक सुनील पांडे के भाई हैं। जिनके पुत्र विशाल प्रशांत तरारी के विधायक हैं। पिछले दिनों बिहार विधानसभा के उपचुनाव में विशाल प्रशांत ने बीजेपी के टिकट पर विशाल प्रशांत ने चुनाव जीता था। भतीजा की जीत में हुलास पांडे ने बहुत पसीना बहाया था। उनके भाई सुनील पांडे पहले पशुपति पारस के नेतृत्व वाली रालोजपा में थे। उपचुनाव से से ठीक पहले वे बीजेपी में बेटे के साथ शामिल हो गए थे। राजनैतिक गलियारे में हुलास पांडे की काफी पहुंच है। एनडीए के बड़े नेताओं के उनके काफी बेहतर ताल्लुकात हैं। फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व विधान पार्षद के तीनों ठिकानों पर रेड जारी है। बरामदगी को लेकर खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक सूचना जांच एजेंसी की ओर से नहीं दी गयी है।

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