सामना संवाददाता / मुंबई
इस समय गणेश उत्सव पूरे जोरों पर है। उसके बाद पितृपक्ष है, फिर नवरात्रि उत्सव शुरू होगा और फिर दिवाली। लेकिन इस त्योहारी सीजन में सरकार ने आम लोगों को जोर का झटका देने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि खाद्य तेलों पर २० फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाएगी, जिसके बाद खाने का तेल महंगा हो जाएगा। इसका सीधा असर आम आदमी के बजट पर पड़ेगा।
आयात शुल्क २० फीसदी बढ़ाया
रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि कच्चे और परिष्कृत पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी के बीज के तेल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है। कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के बीज तेल पर मूल सीमा शुल्क की दरें अब तक शून्य थीं, यानी इन तेलों पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता था। अब यही आयात शुल्क बढ़ाकर २० फीसदी कर दिया गया है तो रिफाइंड सूरजमुखी बीज तेल, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल शुल्क की दर बढ़ाकर ३२.५ प्रतिशत कर दी गई है। ये बदलाव सितंबर महीने में ही होगा, तो इसमें कोई शक नहीं कि खाद्य तेल महंगा होगा।
कैसे मनेगा त्योहार?
नवरात्रि में नौ दिन के उपवास होते हैं, दिवाली में फरल तैयार किए जाते हैं। इन सबके लिए खाद्य तेल का उपयोग किया जाता है, लेकिन त्योहारी सीजन में खाद्य तेल के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं की जेब कटेगी।