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संपादकीय : ईवीएम की वोट काउंटिंग  …अचंभित सब ही हैं!

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आए चार दिन हो गए हैं, लेकिन इसमें ‘ईवीएम’ की ‘भूमिका’ को लेकर कवित्व खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। खासकर, महाराष्ट्र में नतीजों में ईवीएम के ‘योगदान’ को लेकर खूब विवाद, चर्चा, आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। इसमें अब अमेरिकी बिजनेसमैन और टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी दुनियाभर में मशहूर कंपनियों के प्रमुख एलन मस्क भी शामिल हो गए हैं। वे भारत में ईवीएम प्रणाली से बहुत ताज्जुब में हैं। मस्क ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘भारत में ईवीएम प्रणाली ने एक ही दिन में ६४ करोड़ वोटों की काउंटिंग की और अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए वोटों की काउंटिंग १८ दिनों के बाद भी जारी है।’ मस्क ने यह भी कहा कि वह भारतीय ईवीएम काउंटिंग की गति से अचंभित हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि मस्क ने भारतीय मतदान प्रणाली की प्रशंसा की है। उन्हें लगता है कि ईवीएम पर उनकी प्रतिक्रिया ईवीएम की प्रामाणिकता के बारे में एक प्रमाणपत्र की तरह है, लेकिन इन्हीं मस्क साहब ने छह महीने पहले ही भारतीय ईवीएम सिस्टम पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया था। उस वक्त मस्क ने साफ तौर पर आपत्ति जताई थी कि ईवीएम को ‘एआई’ या इंसानों द्वारा हैक किया जा सकता है। इतना ही नहीं, ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी थी, लेकिन अब वही मस्क महाशय इस बात से हैरान हैं कि भारतीय ईवीएम मशीनों ने एक दिन में ६४ करोड़ वोट वैâसे काउंट कर लिए! मस्क महोदय ही क्यों? भारत में विपक्षी दलों सहित लाखों सुविज्ञ नागरिक ईवीएम मशीनों से अचंभित हैं। पिछले दस वर्षों में हुए विभिन्न चुनावों में ‘ईवीएम’ नामक ‘जादूगर’ प्रणाली का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिला है और उस पर तुर्रा है महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे! अंध भक्त कहते रहते हैं ‘मोदी है तो मुमकिन है’, लेकिन महाराष्ट्र के नतीजों ने साबित कर दिया है कि ‘ईवीएम है तो मुमकिन है’। जहां भारतीय ईवीएम द्वारा २४ घंटे में ६४ करोड़ वोटों की काउंटिंग से अमेरिका के एलन मस्क हैरान तो वहीं भाजपा और घटक दलों के पक्ष में महा प्रचंड मत ‘दान’ वैâसे हुआ? विधान सभा की २८८ सीटों में से २३५ सीटों के ‘बंपर लकी ड्रा’ सत्तारूढ़ महायुति को वैâसे लगा? भारत की जनता इन सवालों का जवाब ढूंढ़ रही है और उनके तर्क ईवीएम पर आकर थमते हैं। महाराष्ट्र में लाई गई ईवीएम और उनका गुजरात-राजस्थान कनेक्शन, वोटिंग मशीनें और उनकी बैटरी चार्जिंग के रहस्य, वास्तविक मतदान और ९५ निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम से निकले वोटों में विसंगतियां इस तरह की रहस्यमय कथा ‘ईवीएम धोखाधड़ी’ के संदेह को मजबूत करनेवाली है। भारतीय ईवीएम द्वारा २४ घंटे में ६४ करोड़ वोटों की काउंटिंग अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क के लिए भले ही एक ‘सवाल’ हो, लेकिन भारत के बुद्धिमान नागरिकों के लिए ईवीएम पिछले दस वर्षों के कई अनुत्तरित राजनीतिक सवालों का ‘जवाब’ है। यही वजह है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के चार दिन बीत जाने के बाद भी ईवीएम की ‘रोचक’ कहानियां सामने आ रही हैं। जब तक मोदी की भाजपा सत्ता में है, ये रोचक कहानियां और इनके बारे में संदेह जारी रहेगा। अमेरिकी मस्क महोदय अब भारतीय ईवीएम से वोटों की अति वेगवान काउंटिंग पर अचंभित हैं। लेकिन भारतीय जनमानस इस ईवीएम से केवल सत्ताधारियों के पक्ष में ही वैâसे प्रचंड मतदान होता है, इस करामात पर स्तंभित हैं। केवल मस्क ही नहीं, हर कोई ईवीएम से अचंभित है!

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