सामना संवाददाता / मुंबई
विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर कुपोषण के मुद्दे पर बोलते समय एकनाथ खडसे का पारा चढ़ गया। उनके भाषण के दौरान समय समाप्ति का बेल बजते ही खडसे ने तालिका अध्यक्ष निरंजन डावखरे के इस रुख पर नाराजगी जताई और कहा कि आपको मुझसे इतनी ईर्ष्या क्यों हो रही है? जैसे ही खडसे ने यह सवाल पूछा तभी शंभुराज देसाई ने सत्तारूढ़ बेंच से उठकर हस्तक्षेप किया। साथ ही खडसे से ईर्ष्या शब्द वापस लेने का अनुरोध किया। हालांकि, खडसे ने कह दिया कि अब मैं अपना भाषण रोकता हूं।
शीतकालीन शत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही जारी थी। एकनाथ खडसे कुपोषण पर अपना भाषण दे रहे थे। उसी समय तालिका अध्यक्ष निरंजन डावखरे ने कहा कि आपको मिला १० मिनट का समय खत्म हो चुका है। इस पर खडसे ने कहा कि अभी मेरे भाषण का समय खत्म नहीं हुआ है। मैंने कहा था कि जब आप आएंगे तो बाधा डालेंगे। तालिका अध्यक्ष ने कहा कि आपने अपना भाषण ११.२७ मिनट पर चालू किया और मैंने ११.३७ मिनट पर बेल बजाई। इसके बाद खडसे नाराज हो गए और कहा मैं भाषण रोकता हूं।
मेरी आपसे क्या दुश्मनी है?
खडसे ने कहा कि दरेकर २२ मिनट तक बोले। साठे १५ मिनट तक बोले। आपके मन में मुझसे इतना द्वेष क्यों है? तालिका अध्यक्ष डावखरे ने कहा कि मेरे पास आपके प्रति द्वेष रखने का कोई कारण नहीं है। इसके बाद खडसे ने फिर कहा कि मेरी आपसे क्या दुश्मनी है? इस पर तालिका अध्यक्ष ने कहा कि आपसे मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। इस बहसबाजी में बीच बचाव करने के लिए शंभुराज देसाई खड़े हुए और ईर्ष्या शब्द सदन के कामकाज से हटाने की मांग की। इस बीच अनिल परब ने सवाल पूछा कि राज्यपाल के अभिभाषण का समय वैâसे तय किया? इस पर हंगामा शुरू होने पर डावखरे ने कामकाज स्थगित कर दिया।