सामना संवाददाता / चंडीगढ़
अगर चुनाव आयोग इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता रहा, तो पार्टी के पास ऐसी टिप्पणियों के लिए कानूनी सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग ने खुद को क्लीन चिट दी है। हमें नहीं पता कि आयोग को कौन सलाह दे रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग यह भूल गया है कि यह संविधान के तहत स्थापित एक निकाय है।
केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा के चुनाव को लेकर कांग्रेस द्वारा की गई शिकायतों को खारिज किए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि आयोग ने न केवल खुद को क्लीन चिट दी है, बल्कि शिकायत में उठाए गए कई तथ्यों की बगैर जांच किए ही उनका जवाब दिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने दोबारा आयोग को अपनी शिकायत भेजी है। साथ ही यह संकेत भी दिया है कि यदि आयोग ने अपना तरीका नहीं बदला तो केंद्रीय चुनाव आयोग और ईवीएम में गड़बड़ी के विरुद्ध कांग्रेस कानूनी लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन इंचार्ज चांदवीर हुड्डा ने चंडीगढ़ में केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजा गया पत्र मीडिया को जारी किया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान समेत नौ नेताओं के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है। कांग्रेस ने पत्र में कहा कि चुनाव आयोग का जवाब अपमानजनक लहजे में लिखा गया है।
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी का दावा करते हुए चुनाव आयोग से १३ अक्टूबर को शिकायत की थी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि २६ सीटों पर मतगणना के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई।