४५ करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर कांग्रेस
सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव को लेकर अब सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है। सभी दलों के नेताओं ने अपने-अपने चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिए हैं। इसी में अधिकतर दल गूगल पर विज्ञापन का भी सहारा ले रहे हैं। इसके चलते सोशल मीडिया पर चुनावी घमासान शुरू हो गया है। इसी बीच चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है कि गूगल और यूट्यूब पर विज्ञापनबाजी के लिए १०२ करोड़ रुपए खर्च करनेवाली भाजपा देश की पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है। इसके बाद ४५ करोड़ खर्च करके कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। बताया गया है कि पिछले पांच सालों के विज्ञापनों में भाजपा के करीब ७३ फीसदी विज्ञापन प्रकाशित हुआ है।
पिछले ५ वर्षों में गूगल पर प्रकाशित विज्ञापनों में भाजपा की हिस्सेदारी लगभग २६ प्रतिशत है। इस दौरान ३९० करोड़ रुपए के राजनीतिक विज्ञापन जारी किए गए हैं। साथ ही कुल २.१७ लाख ऑनलाइन विज्ञापन दिए गए। इनमें से राजनीतिक विज्ञापनों की श्रेणी में कुल १.६१ लाख विज्ञापन (७३ प्रतिशत) भाजपा के थे। भाजपा ने कर्नाटक में सबसे ज्यादा १०.८ करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए हैं। इसके बाद पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए १०.३ करोड़ रुपए, राजस्थान के लिए ८.५ करोड़ रुपए और दिल्ली के लिए ७.६ करोड़ रुपए के विज्ञापन जारी किए हैं। वहीं, साल २०२४ के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण (१९ अप्रैल से २५ अप्रैल) में कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ी है। कांग्रेस ने ५.७ करोड़ रुपए और भाजपा ने ५.३ करोड़ रुपए के विज्ञापन जारी किए हैं।
दक्षिणी राज्यों में कांग्रेस के सबसे ज्यादा विज्ञापन
कांग्रेस ने अब तक सबसे ज्यादा विज्ञापन दक्षिणी राज्यों में दिए हैं। ५,९९२ ऑनलाइन विज्ञापनों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। पार्टी ने इन विज्ञापनों पर ४५ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह भाजपा के विज्ञापन का महज ३.७ फीसदी है। कांग्रेस का विज्ञापन अभियान मुख्य रूप से कर्नाटक और तेलंगाना (प्रत्येक ९.६ करोड़ रुपए) और मध्य प्रदेश (६.३ करोड़ रुपए) पर केंद्रित था।
विभिन्न दलों के गूगल पर विज्ञापनबाजी का खर्च (करोड़ में)
भाजप – १०२
काँग्रेस – ४५
डीएमके – ४५
बीआरएस – १२
वायएसआरसीपी – ७.३
आप – १
बीजेडी – ३
टीडीपी -२