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खत्म हुआ चुनाव, अब … लाडली बहनों पर गिरेगी गाज! …लाखों आवेदनों की फिर से होगी जांच

-ढाई लाख होगा आवेदन का सैंपल साइज
-गड़बड़ी पाए जाने पर बढ़ सकता है दायरा
सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव से पहले महायुति सरकार ने लाडली बहन योजना लागू कर वोट तो बटोर लिए, पर अब यह योजना उसके गले की फांस बनती जा रही है। तिजोरी में पैसे हैं नहीं और हर महीने बहनों को पैसे देने हैं। चुनाव में तो महायुति ने १,५०० की यह रकम बढ़ाकर २,१०० करने का वादा भी कर दिया है। पर अब चुनाव खत्म हो चुका है, ऐसे में कई लाडली बहनों पर गाज गिर सकती है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
खबर है कि नई सरकार लाडली बहनों के आवेदनों की जांच कराएगी। इसके लिए ढाई लाख आवेदनों की रैंडम जांच की जाएगी। देवेंद्र फडणवीस महाराष्‍ट्र के नए सीएम बन गए हैं। इसी बीच अब इस योजना में खामियों की बात उठाई जा रही है। अब तक करीब ढाई करोड़ बहनों को पैसा दिया गया है। अब खबर है कि इनमें से एक प्रतिशत या ढाई लाख लाभार्थियों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स के बाद महाराष्‍ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से सफाई दी गई है।

चरणबद्ध तरीके से
होगी सैंपल की जांच
सरकार के निशाने पर लाडली बहनें

चुनाव खत्म होते ही राज्य की लाडली बहनें निशाने पर हैं। सरकार इनके आवेदनों की जांच करवाने वाली है। इस बारे में डब्ल्यूसीडी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लाडली बहन योजना के कुल २.५ करोड़ लाभार्थी हैं। फिलहाल कमियों को दूर करने के लिए आवेदनों में से १ फीसदी का ऑडिट करने की योजना है। बाद में चरणबद्ध तरीके से सैंपल की जांच की जाएगी। इस योजना के तहत महाराष्‍ट्र सरकार मौजूदा समय में महिलाओं को १,५०० रुपए हर महीने दे रही है। सरकार का प्‍लान इसे बढ़ाकर २,१०० रुपए करने का है। बताया जा रहा है कि दिसंबर में नई सरकार के तहत योजना को आगे बढ़ाने से पहले ऑडिट पूरा हो जाने की संभावना है।
५ किश्‍तें जा चुकी हैं
अधिकारियों ने कहा कि यह जांच जरूरी थी। फाइनेंस और डब्ल्यूसीडी विभागों ने सभी आवेदनों की गहन जांच का प्रस्ताव दिया है। अब तक इस योजना के तहत पांच किस्तें दी जा चुकी हैं। दिसंबर के लिए छठी किस्त पहली वैâबिनेट बैठक के बाद जमा होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए ३६,००० करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्‍हें स्‍पेशल सप्‍लीमेंट्री बजट के जरिए बढ़ी हुई राशि के लिए अतिरिक्त पैसा जारी करना होगा। महाराष्‍ट्र के वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा कि संभावित धोखाधड़ी के दावों और पैसों के दुरुपयोग की चिंताओं को दूर करने के लिए जिला स्तर पर जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टैक्‍स-पेयर का पैसा केवल वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। मल्‍टी-लेवल वैरिफिकेशन सिस्‍टम को अपनाया जाएगा। एक बहुस्तरीय सत्यापन प्रणाली इस प्रक्रिया को अंजाम देगी।

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