-कब जिम्मेदारी लेगा चुनाव आयोग
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
मई-जून में उत्तर भारत में पसरती भीषण गर्मी से चुनाव आयोग अनजान नहीं था, लेकिन उसने चुनाव को खींचकर इतना लंबा किया कि हजारों कर्मचारियों की जान पर बन आई और उनके लिए यह चुनाव यातना में तब्दील हो गया। लोकसभा चुनाव के परिणाम को राजनीतिक दल, पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अपने ढंग से देख-समझ रहे हैं। इन सबके बीच चुनाव में लगे कर्मचारियों के योगदान को नहीं भूला जाना चाहिए, जिन्होंने अत्यंत विषम परिस्थितियों में चुनाव सकुशल संपन्न कराया। चुनाव के आखिरी चार चरणों के दौरान और उसके बाद मतगणना में लगे चुनावकर्मियों के लिए लोकसभा चुनाव विषम साबित हुए।
२०२४ का लोकसभा चुनाव वर्ष १९५२ के चुनाव के बाद सबसे लंबी अवधि वाला था। सात चरणों वाले इस चुनाव के आखिरी चार चरण और उसके बाद हुई मतगणना उत्तर भारत में भीषण गर्मी और लू के बीच संपन्न हुई। १३ मई से ४ जून के बीच, जहां शुरुआती चार चरणों में प्राय: हरेक चरण में लगभग सौ सीटों (क्रमश: १०२, ८८, ९४, ९६ सीट) पर चुनाव हुए, आखिरी तीन चरणों में महज ४९ और ५८-५७ सीटों पर चुनाव कराए गए. इससे चुनाव की अवधि अनावश्यक रूप से लंबी हुई।
४६-४७ डिग्री सेल्सियस तापमान में चुनाव कराना चुनावकर्मियों के लिए त्रासदी साबित हुए और अनेक कार्मिकों की मौत चुनाव के दौरान या चुनाव के बाद लू की चपेट में आने से हुई। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोगों ने उन कार्मिकों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की बात कही है, पर क्या अनुग्रह की कोई भी राशि उन परिवारों के शोक की भरपाई कर सकेगी, जिनके परिजनों की मौत चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई है?
अनजान नहीं आयोग
मई-जून के महीने में उत्तर भारत में भीषण गर्मी से चुनाव आयोग अनजान नहीं रहा होगा, मगर फिर भी आयोग ने चुनाव कार्यक्रम को खींचकर इतना लंबा किया कि चुनाव में लगे हजारों कर्मचारियों की जान पर बन आई।
१६ मार्च २०२४ को जब लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हुई, उसी दिन भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजकर भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव के संदर्भ में दिशा-निर्देश दिए थे। इस पत्र में स्पष्ट कहा गया था कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले महीनों में औसत से अधिक तापमान रहने का अनुमान व्यक्त किया है, जिसका तात्पर्य है कि गर्मी का मौसम लंबा और अधिक मारक होगा।