-जंगली पशुओं की बाड़बंदी में जा रही है इंसानी जानें
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
खेत की सुरक्षा में लगाए लोहे के तार इंसानी जिंदगी के लिए घातक बन गए। तारों में बिजली के करंट के प्रवाह से मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। बोईसर के करीब शिगांव खुटाड़ इलाके में मिर्ची की फसल को जंगली पशुओं से बचाने के लिए बिजली का तार लगाया था। उसमें काम करने वाली महिला और उसके बेटे की खेतों के किनारे लगे बिजली के तार की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान ओमप्रकाश साहनी (४०) और ललिता देवी साहनी (६०) के रूप में हुई है। दोनों शिगांव-खुटाड गांव में खेत में घूम रहे थे, तभी ओमप्रकाश का पैर गलती से बिजली के तार पर पड़ गया, जो जंगली जानवरों को दूर रखने के लिए बिछाया गया था। ओमप्रकाश को बचाने के लिए दौड़ी ललिता भी करंट की चपेट में आ गई। दुर्घटना में मां-बेटे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस में पंचनामा करके आगे की जांच कर रही है। बता दें कि पालघर जिले में जंगली सूअर बागवानी में काफी उत्पात मचा रहे हैं। जंगली सूअर और पशुओं से बागवानी फसलों को बचाने के लिए कई किसान खेतों में करंट दौड़ा रहे हैं, जो अब लोगों के लिए जानलेवा बन रहा है।
अक्टूबर २०२३ में भी पालघर के पास नंदोरे में इसी तरह की एक घटना में बिजली के तार को छूने के बाद दुर्भाग्य से दो युवकों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिससे लोगों की मौत हो रही है।