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मुंबईकरों को बिजली का झटका!…‘ईंधन समायोजन’ के कारण लगातार दूसरे महीने बढ़ोतरी

-अडानी के २८ लाख उपभोक्ताओं पर बिल बढ़ोतरी की मार

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई के उपनगरीय इलाके में अडानी इलेक्ट्रिसिटी के करीब २८ लाख बिजली ग्राहकों को बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का दोहरा झटका लगने वाला है। बिजली शुल्क वृद्धि याचिका के तहत एक वर्ष की नियंत्रण अवधि के लिए विद्युत नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित २.१३ प्रतिशत की औसत बिजली शुल्क वृद्धि १ अप्रैल से लागू हो गई। इसके अलावा ईंधन समायोजन राशि वसूलने के लिए एक मई से अगले चार महीने तक बिजली दर में डेढ़ रुपए प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की जाएगी।
बिजली उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की दरें बढ़ती जा रही हैं। इसलिए, विद्युत अधिनियम ईंधन समायोजन शुल्क (एफएसी) के माध्यम से ईंधन की बढ़ी हुई लागत की वसूली का प्रावधान करता है। तदनुसार, अडानी इलेक्ट्रिसिटी ने जुलाई-दिसंबर २०२३ की छह महीने की अवधि के दौरान बिजली और ईंधन की खरीद पर लगभग ३१९ करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च की वसूली के लिए १३ मार्च को आयोग में याचिका दायर की थी। इसे विद्युत नियामक आयोग ने मंजूरी दे दी है।
आयोग ने ब्याज वसूली की नहीं दी अनुमति
अडानी इलेक्ट्रिसिटी को जुलाई-दिसंबर २०२३ के लिए एफएसी के लिए जनवरी में बिजली आयोग को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी ने १३ मार्च को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसमें १ अप्रैल से बढ़ी हुई दर से एफएसी की वसूली की मंजूरी मांगी गई। हालांकि आयोग ने इसे मंजूरी दे दी, लेकिन १ मई से वसूली की अनुमति दी और तीन महीने की देरी के लिए ब्याज की वसूली की मंजूरी देने से इनकार कर दिया।
१०० यूनिट तक ७० रुपए वृद्धि
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को ईंधन समायोजन राशि ७० पैसे से १.७० रुपए तक चुकानी होगी। इसलिए १०० यूनिट तक बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल ७० रुपए बढ़ जाएगा। वहीं ३०० यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़कर ३००-३५० रुपए हो जाएगा।

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