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म्हाडा मास्टर लिस्ट लॉटरी में पात्र रहिवासी नहीं ले रहे हैं घर! …२६५ मकानों में ३२ पात्र निवासियों ने ही लिया मकान

नागेंद्र शुक्ला / मुंबई
मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड (म्हाडा) की मास्टर लिस्ट लॉटरी में पात्र निवासी ने अपने हक का मनचाहा मकान नहीं मिलने से नाराज हैं। वर्षों से ट्रांजिट वैंâपों में धूल फांकने के बाद उन्हें म्हाडा ने निराश किया है। २६५ पात्र विजेताओं में से केवल ३२ निवासियों को ही अब तक अपने वैध मकानों का कब्जा लिया है इसलिए बोर्ड ने पात्र मूल किरायेदारों / निवासी लाभार्थियों के तत्काल उत्तराधिकारियों को फ्लैट का सशर्त कब्जा देने का निर्णय लिया है। तदनुसार, बोर्ड ने निवासियों को नोटिस जारी कर दस्तावेज जमा करने के लिए १० दिन का समय दिया है। अन्यथा मास्टर सूची में शामिल निवासियों के अधिकार स्थायी रूप से समाप्त कर दिए जाएंगे।
म्हाडा के मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड द्वारा २८ दिसंबर, २०२३ को एक कंप्यूटरीकृत लॉटरी आयोजित की गई थी। इसके बाद निवासियों को पत्र वितरित किया गया। बता दें कि म्हाडा पुरानी इमारतों को वर्षों पहले जमींदोज कर रहिवासियों को ट्रांजिट वैंâपों में शिफ्ट करती है।
उसके बाद जब उनकी इमारत वर्षों बाद बनती है तो उन्हें उनके स्थान की इमारत के तीन किलोमीटर के अंदर कहीं भी दे सकती है इस प्रकार का निर्णय है। म्हाडा महंगे इलाकों से रहिवासियों को वंचित रखती है। इसी के चलते मास्टर लिस्ट के पात्र रहिवासी घर लेने में आनाकानी कर रहे हैं।
बोर्ड का कहना है कि कई मामलों में मूल किरायेदारों या निवासियों की मृत्यु हो चुकी है। चूंकि मूल किरायेदार/निवासी के एक से अधिक उत्तराधिकारी, जैसे उसकी पत्नी/बच्चे है,इसलिए उत्तराधिकारियों को सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में छह से नौ महीने लग जाते हैं, जिससे मकान के वितरण में देरी हो रही है।
इसलिए बोर्ड ने अन्य रिश्तेदारों से `अनापत्ति प्रमाण पत्र’ प्राप्त करके फ्लैट का सशर्त कब्जा देने की प्रक्रिया शुरू की है। यदि वे व्यापक सूची में मूल किरायेदारों या निवासियों के तत्काल उत्तराधिकारी (पुत्र, पुत्री, माता-पिता या पत्नी) हैं। तदनुसार, कब्जा रसीद जारी होने की तारीख से छह माह के भीतर सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस निर्णय के अनुसार, बोर्ड ने लॉटरी में पात्र निवासियों को नोटिस जारी कर दिए हैं। निर्देश दिया गया है कि नोटिस मिलने के दस दिनों के अंदर यदि दस्तावेज बोर्ड को प्रस्तुत नहीं किए गए तो मकान खरीदने में रुचि नहीं होने का अनुमान लगाते हुए मास्टर लिस्ट का अधिकार स्थायी रूप से समाप्त कर दिया जाएगा।

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