– १७२ करोड़ रुपए बकाया है किराया
– बकाएदार विकासकों की संपत्ति होगी जब्त
सामना संवाददाता / मुंबई
झोपड़पट्टी पुनर्विकास के दौरान वहां के निवासियों को अस्थायी रूप से ट्रांजिट कैंपों में स्थानांतरित किया जाता है। हालांकि, इन ट्रांजिट कैंपों का किराया विकासकों द्वारा नहीं दिया गया है। इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार एक निश्चित नीति तैयार करने जा रही है, ताकि बकाया किराया वसूला जा सके और ट्रांजिट कैंपों में हो रहे अतिक्रमणों को रोका जा सके। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सदस्य सचिन अहिर, निरंजन डावखरे आदि सदस्यों द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में गृह निर्माण राज्यमंत्री पंकज भोयर ने उक्त जानकारी विधान परिषद में दी। राज्यमंत्री भोयर ने कहा कि बकाया वसूली के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। २०१६ से २०२५ के बीच २७४ करोड़ रुपए किराया वसूला गया है, लेकिन अभी भी १७२ करोड़ रुपए बकाया है और इस पर १२० करोड़ रुपए का विलंब शुल्क लगाया गया है। कुछ विकासकों को जिन्होंने किराया नहीं चुकाया है, ‘स्टॉप वर्क’ नोटिस जारी किए गए हैं। ठाणे, मुंबई और पालघर जिलों के जिलाधिकारियों के माध्यम से बकाएदार विकासकों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
खनिज मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि ट्रांजिट कैंपों की समस्याओं को हल करने और झोपड़पट्टी पुनर्विकास में अतिक्रमण को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सत्र के बाद एक बैठक आयोजित की जाएगी। पुलिस में बकाएदारों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं और कुछ व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय की गई है। इसके अलावा किराया वसूली के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जिसे हर १५ दिनों में रिपोर्ट सौंपनी होगी। उन्होंने कहा कि बकाएदार विकासकों की सूची भी सार्वजनिक की जाएगी।