मुख्यपृष्ठनए समाचारअसंसदीय व अपशब्दों का अंत! अब ४ जून का इंतजार

असंसदीय व अपशब्दों का अंत! अब ४ जून का इंतजार

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

१ जून को लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान के बाद ४ जून को चुनाव के नतीजे आएंगे। इस दौरान चुनाव प्रचार में हमारे नेतागण बहुत ही निचले स्तर पर उतरकर समाज पर अपनी जीत के लिए दबाव बनाते रहे और अपशब्दों, असंसदीय शब्दों के तीर चलाते रहे। प्रधानमंत्री यह वैâसे कह सकते हैं कि यदि विपक्ष की ‘सरकार बनी तो महिलाओं के मंगलसूत्र तक छीन लि‍ए जाएंगे और ‘यदि आपके पास दो भैंस हैं तो एक खोल कर ले जाएंगे’, ‘विपक्षी दल अब अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए मुजरा करने लगे हैं’। क्‍या देश की जनता यह समझने नहीं लगी है कि किस व्यक्ति और किस दल द्वारा क्या सच और क्या झूठ बोला जा रहा है? ४ जून को इस सवाल का जवाब मि‍ल जाएगा। फिलहाल तो दोनों पक्ष में से कोई भी अपने को कमतर नहीं आंक रहा है।

२४० पर सिमट जाएगी भाजपा

अब देश के दो जाने-माने चुनाव विशेषज्ञों के विश्लेषण की बात करते हैं। बात विश्लेषक योगेंद्र यादव की करें, तो छठे चरण के मतदान के बाद उनका मानना रहा है कि भाजपा को कुल २४० सीटें मिल रही हैं, जबकि चुनाव विश्लेषक प्रशांत किशोर मानते हैं कि सरकार तो फिर से वही बनेगी, जो वर्तमान में चल रही है।

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