केंद्र सरकार को लगातार मिल रही निराशा
फिरोज खान / मुंबई
मुंबई पर हुए २६ / ११ के खौफनाक हमले को हुए १६ हाल हो चुके हैं, पर इस कांड के १९ आरोपी अब भी सलाखों से दूर हैं। पुलिस रिकॉर्ड में ये १९ आरोपी फरार दर्ज हैं। हालांकि, सभी जानते हैं कि ये हमला पाकिस्तान ने कराया था और सारे आतंकी पाकिस्तान से बोट पर सवार होकर मुंबई आए थे। इनमें एकमात्र जीवित पकड़े गए आतंकी कसाब को फांसी दी गई थी। इस साजिश को रचने में आईएसआई की प्रमुख भूमिका थी। उसने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया था।
आज भी पाकिस्तान में बैठे हैं
२६ / ११ के मास्टरमाइंड!
हमले में १६६ बेगुनाह लोगों की मौत हुई और ३०० से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकवादियों पर काबू पाने के लिए मुंबई पुलिस और एनएसए को ६० से ज्यादा घंटे लगे थे।
२६/११ के मुंबई हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के दिलों में जख्म आज भी ताजा हैं। उस डरावने हमले को याद करने पर रूह कांप उठती है। खून से सनी लाशें, गोलियों की तड़तड़ाहट और घायलों की चीख पुकार आज भी कानों में गूजती हैं। हमले में जीवित पकड़े गए आतंकी कसाब को फांसी दे दी गई और उसके साथियों का काम तमाम कर दिया गया, लेकिन हमले का मास्टर माइंड सहित हमलावरों को फंड, हथियार और उनकी तमाम जरुरतों को पूरा करने वाले आज भी पाकिस्तान में बैठे हुए हैं।
२६ नवंबर २००८ की रात सब कुछ सामन्य चल रहा था। रात ९.२० बजे एकाएक दक्षिण मुंबई गोलियों की आवाज से दहल उठी थी। पहले तो यह लगा कि गैंगवार छिड़ा है, लेकिन जैसे ही पता चला कि आतंकी हमला है, तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। हथियारों से लैस हमलावरों ने ताज, ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया था। कोलाबा स्थित लियोपोल्ड वैâफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से शुरू हुआ आंतक का खेल ताज होटल में जाकर खत्म हुआ। हमले में १६६ बेगुनाह लोगों की मौत हुई और ३०० से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकवादियों पर काबू पाने के लिए मुंबई पुलिस और एनएसए को ६० से ज्यादा घंटे लगे थे। २९ नवंबर की सुबह सभी हमलावरों को मारकर भारतीय बलों ने ऑपरेशन खत्म होने की घोषणा की। हमले में लश्कर-ए-तैयबा के १० आतंकवादी शामिल थे। भारत ने हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद सहित ३५ आतंकियों की सूची पाकिस्तान को भेजी और उन्हें भारत को सौंपने की मांग की। पाकिस्तान ने पहले तो भारत के आरोपों का खंडन किया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव पड़ने पर पाकिस्तान ने एसआईटी का गठन किया और इसके अध्यक्ष खालिद कुरैशी की निगरानी में पाकिस्तान के थाटा स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविर पर छापेमारी कर सबूत जब्त किए। १२ फरवरी २००९ को पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि हमले की साजिश के तार पाकिस्तान सहित अमेरिका, स्पेन, इटली और रूस से जुड़े हैं।
हेडली, लखवी और सईद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हैं
हमले के मुख्य साजिशकर्ता आजम चीमा की पाकिस्तान में मौत हो गई। तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली, हाफिज सईद और जकिउर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। इनके अलावा १९ आतंकी ऐसे हैं जो आज भी फरार हैं। इनमें मुलतान निवासी मो.अमजद खान है, जिसपर मुंबई हमले में इस्तेमाल की गई नाव खरीदने, यामाहा बोट इंजन, लाइफ जैकेट मुहैया कराने का आरोप है। इसके अलावा बहावलपुर निवासी शाहिद गफूर है जो नाव का कप्तान था। आरोपी इफ्तेखार अली, अब्दुल रहमान, मो. उस्मान, अतीक रहमान, रियाज अहमद, मो. मुश्ताक, अब्दुल शकूर, मो. नईम, मो. साबिर और वकील अहमद मुंबई हमले में इस्तेमाल की गई नाव पर सवार थे।