नगर से बीजेपी प्रत्याशी के साथ कई उम्मीदवारों ने की शिकायत
सामना संवाददाता / मुंबई
हालिया लोकसभा चुनावों में हार का सामना करनेवाले करीब एक दर्जन उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को आवेदन देकर ईवीएम-वीवीपैट जांच की मांग की है। इसमें भाजपा उम्मीदवार से लेकर अन्य दलों के भी कैंडिडेट शामिल हैं। अपने आवेदनों में इन उम्मीदवारों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (ईवीएम-वीवीपैट) यूनिट के मेमोरी वेरिफिकेशन की मांग की है।
ऐसे कुल १० उम्मीदवारों के आवेदन चुनाव आयोग को मिले हैं, जिन्होंने ईवीएम-वीवीपैट के सत्यापन की जांच की मांग की है। इनमें से अधिकांश उम्मीदवारों ने एक से तीन ईवीएम यूनिट के सत्यापन की मांग की है। हालांकि, कुछ उम्मीदवारों ने इससे ज्यादा यूनिट की जांच की भी मांग की है। इन उम्मीदवारों को प्रत्येक ईवीएम यूनिट के लिए ४०,००० रुपये और उस पर १८ फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ा है।
जिन लोगों ने ऐसे आवेदन दिए हैं, उनमें महाराष्ट्र के नगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार सुजय राधाकृष्ण विखे पाटील भी शामिल हैं। इन्होंने विधानसभा क्षेत्रवार ईवीएम यूनिट की जांच की मांग की है। शरद पवार की एनसीपी के नीलेश ज्ञानदेव लंके ने उन्हें २८९२९ मतों से हराया है। इनके अलावा ओडिशा में झारसुगुड़ा से बीजू जनता दल की उम्मीदवार दीपाली दास ने भी ऐसी ही मांग की है। वह भाजपा के टंकधर त्रिपाठी से लोकसभा चुनाव १,२६५ वोटों से हार गई थीं।
दास इस सीट से कई बार सांसद रह चुकी हैं। उन्होंने करीब एक दर्जन ईवीएम-वीवीपैट मशीनों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कुल १९ राउंड की गिनती में १७वें राउंड तक वह आगे चल रही थीं, लेकिन अचानक आखिरी दो राउंड की गिनती में वह पिछड़ गर्इं। यह उन्हें रास नहीं आ रहा है। दास ने यह पुष्टि की है कि उन्होंने १३ मशीनों के सत्यापन की मांग चुनाव आयोग से की है। छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जहां भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है, से एक भी ऐसे आवेदन आयोग को नहीं मिले हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनावों के दौरान २६ अप्रैल के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सभी ईवीएम-वीवीपैट पर्चियों के मिलान की अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि मतगणना के सात दिनों के अंदर उम्मीदवार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के अधिकतम ५ फीसदी ईवीएम मशीनों की जांच का आवेदन चुनाव आयोग को दे सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा था कि ऐसे आवेदन केवल उपविजेता और दूसरे नंबर के उप विजेता द्वारा ही दायर किए जा सकते हैं।