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सचिवों की भी नहीं हो रही है चेहरा पट्टी! …मंत्रालय की लाइन में अफसरशाही

– कैमरा नहीं पहचान पा रहे हैं चेहरे
सामना संवाददाता / मुंबई
मंत्रालय में प्रवेश के लिए शुरू की गई नई ‘फेशियल रिकग्निशन सिस्टम’ (इRए) के कारण कल भारी अव्यवस्था देखने को मिली। चेहरे की पहचान करने वाली यह प्रणाली अपडेट न होने के कारण सचिवों, अधिकारियों और कर्मचारियों की भी चेहरा पट्टी नहीं कर पाई, जिससे मंत्रालय में प्रवेश के लिए सचिवों, अधिकारियों को भी लंबी कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ा। इससे कई कर्मचारियों की उपस्थिति में ‘लेट मार्क’ लग गया। मंत्रालय के बाहर लंबी लाइन में खड़े अफसरशाही को गृह मंत्रालय की इस योजना को लेकर बड़ा गुस्सा आया। गृह विभाग का यह सिस्टम काम नहीं कर पा रहा था, उनका चेहरा नहीं पहचान पा रहा था।

अधूरी तैयारी के साथ लागू किया प्रवेश सिस्टम
-कर्मचारी संघ हुआ नाराज

मंत्रालय में कल काफी अफरा-तफरी का माहौल था। प्रवेश के लिए नया सिस्टम अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा था, जिससे आम लोग तो अंदर नहीं ही जा पाए, मंत्रालय के कर्मचारियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा। इस पर महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने कड़ी नाराजगी जताई है। महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ के मुख्य सलाहकार जीडी कुलथे ने कहा कि सरकार को फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लागू करने में जल्दबाजी की जा रही है। सरकार को पहले तैयारी करनी चाहिए।
सुरक्षा के नाम पर अधिकारियों की गाड़ी रोकी
मंत्रालय में अधिकारियों की गाड़ी को प्रवेश करने से रोक दिया गया। उनकी गाड़ियों को सुरक्षा के नाम पर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उन्हें उतरकर मंत्रालय में प्रवेश करने को मजबूर होना पड़ा, लेकिन गेट पर लगे फेशियल रिकॉग्निशन प्रणाली ने उनकी अनुमति को रिजेक्ट कर दिया। ऐसे में उन्हें गेट ही पर खड़े होकर पुलिस वालों से रिक्वेस्ट करना पड़ रहा था कि उन्हें अंदर जाने दिया जाए। कर्मचारियों और पुलिस के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच झड़प हो गई और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियो को बीच बचाव करना पड़ा।
दवाओं और टिफिन पर भी प्रतिबंध
मंत्रालय में प्रवेश पर प्रतिबंधों के चलते कर्मचारियों और विजिटर्स को परेशानी हो रही है। उनके साथ लाई गई दवाओं को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई और कुछ पत्रकारों के टिफिन भी रोक दिए गए। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि टिफिन को जांच के बिना अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। जब पत्रकारों ने ‘डीसीपी से बात करने’ की बात कही, तब जाकर उन्हें टिफिन अंदर ले जाने दिया गया।
संसद की तर्ज पर प्रतिबंध
पूर्व विधायक और मंत्रियों को प्रवेश कैसे दिया जाएगा? इस पर सवाल उठाते हुए पूर्व विधायक अनंत गाडगील ने कहा कि राज्य में लगभग २,००० पूर्व विधायक हैं। क्या उन्हें भी लाइन में खड़ा किया जाएगा? संसद की तरह ही मंत्रालय में भी प्रवेश प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं।
८० फीसदी अधिकारी परेशान
नाम न छापने पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय के सभी एंट्री पॉइंट पर फेस एंट्री सिस्टम लगाया जा रहा है। जिस दिन से सिस्टम लगाने का काम शुरू हुआ है, उसी दिन से मंत्रालय के ८० फीसदी अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं। अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें सरकार ने सरकारी वाहन की सुविधा दी है। जिनकी गाड़ी सीधे मंत्रालय में प्रवेश करती है, लेकिन फेस रीडिंग सिस्टम शुरू होने के बाद अधिकारियों को मंत्रालय के गेट के बाहर वाहन को छोड़ना पड़ रहा है।

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