सामना संवाददाता / मुंबई
ईवीएम से चुनी गई महायुति सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था का खून करने का काम कर रही है। परभणी में पुलिस ने कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया और दलित भाइयों पर अत्याचार किया। पता चला है कि दलित युवक सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इन मुद्दों को लेकर दूसरे दिन भी महाविकास आघाड़ी आक्रामक रही। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इन दोनों मामलों में सरकार की भूमिका को गलत ठहराते हुए कहा है कि भाजपा युति सरकार को लोगों की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सुबह महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने ईवीएम, बीड और परभणी मुद्दे को लेकर विधान भवन के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस समय बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। इस दौरान यह भी नारे दिए गए कि हत्यारों को बचाने वाली सरकार का धिक्कार है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नाना पटोले ने परभणी में पुलिस की बर्बरता और दलित युवक सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत का मुद्दा उठाया। इस मौके पर नाना पटोले ने कहा कि यह पाया गया है कि आंबेडकरवादी विचारधारा वाले युवक सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। परभणी में पुलिस द्वारा किए गए कॉम्बिग ऑपरेशन क्या सरकार के इशारे पर हुआ है। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि इस मामले पर बुधवार को चर्चा होगी।
‘वन नेशन, नो इलेक्शन’
पत्रकारों से बात करते हुए नाना पटोले ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम का इस्तेमाल विधानसभा में नहीं किया गया, बल्कि इसके लिए गुजरात से ईवीएम मंगाई गई थी। ईवीएम का दुरुपयोग हो रहा है। ईवीएम मशीन बनाने वाली एक कंपनी के निदेशक मंडल में भाजपा के लोग हैं। इससे भाजपा की मानसिकता स्पष्ट थी। वे चुनाव आयोग के संवैधानिक अधिकार का उपयोग भी नहीं कर सकते। नाना पटोले ने यह भी कहा कि वन नेशन, नो इलेक्शन बिल सिर्फ आरएसएस की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने की मानसिकता के लिए लाया जा रहा है।