सामना संवाददाता / चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भाजपा की जीत की पोल खुल गई है। कांग्रेस प्रत्याशी के मतगणना की मांग पर चुनाव आयोग ने लीपापोती करते हुए मॉक पोल कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र कंबोज की शिकायत पर चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी ने ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया। चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती नहीं की। अब कंबोज इसे हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
चुनाव आयोग ने ईवीएम का डेटा हटा दिया और दिखाया कि मशीनें ठीक से काम कर रही थीं। हालांकि, सभी केंद्रों में वोटों और डाले गए वोटों और गिने गए वोटों के बीच भ्रम है। सर्वमित्र ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से ईवीएम का निरीक्षण और सत्यापन करने और वोटों की दोबारा गिनती करने का अनुरोध किया था। आयोग ने पिछला डेटा हटा दिया और केवल ईवीएम का मॉक पोल दिखा दिया। यह पूरी तरह से गलत है। अगर आयोग को मॉक पोल ही दिखाना था तो उसे हमें पहले ही बताना चाहिए था। उसने अपना पैसा और समय बर्बाद किया।
याचिकाओं पर कोई सुनवाई नहीं
सर्वमित्र ने कहा कि ईवीएम के निरीक्षण और सत्यापन को लेकर उनकी याचिकाओं पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वह सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। इसलिए अब जनता की नजर कोर्ट पर है।
निर्वाचन विभाग की सफाई
जिला निर्वाचन विभाग के कानूनगो देवेंद्र कुमार ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी सर्वमित्र ने शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर अब ईवीएम की जांच की गई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, ईवीएम के पुराने डेटा को हटा दिया जाता है और फिर मतदान किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चुनावी अनियमितताओं की शिकायतों के समाधान के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। इसका उल्लंघन होने पर सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा, यह सवाल भी उठ रहा है।