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यूपी में आबकारी इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में विभाग पर लगाये गंभीर आरोप!

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

सीतापुर में आबकारी इंस्पेक्टर ने लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी कार के अंदर कनपटी पर गोली मारी। घटना के बाद बेटा और एक महिला उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बेटे ने बताया कि आलोक श्रीवास्तव बांदा में तैनात थे। मां अमृता श्रीवास्तव भी बाँदा में ही सहायक आबकारी आयुक्त हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार से रिवॉल्वर बरामद कर ली। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस को एक महिला ने आलोक श्रीवास्तव का एक सुसाइड नोट सौंपा है। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र की है। पुलिस अधिकारी आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटे हैं। घर वालों से बातचीत के आधार पर पुलिस जांच रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आत्महत्या के पीछे की असली वजह साफ होगी।

पूनम नाम की महिला ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया है। बताया जा रहा है कि पूनम अयोध्या से आलोक श्रीवास्तव की पत्नी अमृता से मिलने सीतापुर आई थी। जब वह नहीं मिलीं, तो पूनम ने पुलिस को सुसाइड नोट सौंप दिया। सुसाइड नोट में आलोक श्रीवास्तव ने लिखा है कि अयोध्या में तैनाती के दौरान 6 साल पहले मुझे सस्पेंड कर दिया गया था। करीब 5 साल पहले मुझे बहाल कर दिया गया। लेकिन, तब से आज तक मुझे तैनाती नहीं दी गई है। घर पर अकेले बैठे-बैठे परेशान हो चुका हूं। मैं अपने आप को समाप्त कर रहा हूं, इसका कोई जिम्मेदार नहीं है। इस संदर्भ में जब आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद से बात करना चाहा तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। पूनम ने बताया- मैं आलोक श्रीवास्तव को 5 साल से जानती हूं। अयोध्या में आलोक श्रीवास्तव और उनकी पत्नी की 5 साल पोस्टिंग रही है। मेरा आलोक सर के घर आना-जाना था। मैं मैडम से मिलने सीतापुर आई थी। घर पहुंची, तो बच्चों ने बताया कि पापा घर पर नहीं हैं। मम्मी शाम को आएंगी।

मैंने बेटे आयांक से पूछा कि पापा कहां गए हैं? इस पर उसने बताया कि पापा रास्ते में कहीं भी गाड़ी खड़ी कर दवा खा लेते हैं। थोड़ी देर बाद घर आ जाते हैं। इस पर मैंने कहा कि चलो देखते हैं, कहीं आसपास तुम्हारे पापा की गाड़ी खड़ी तो नहीं है। इसके बाद मैं और आयांक घर से निकले। थोड़ी दूर पर देखा, तो आलोक श्रीवास्तव सर की गाड़ी खड़ी थी। हमें वहीं गाड़ी से सुसाइड नोट मिला है। आलोक श्रीवास्तव के बेटे आयांक ने बताया- पापा मंगलवार सुबह 5 बजे घर से निकले थे। जब मैंने उन्हें ढूंढा तो घर से थोड़ी दूर पर उनकी गाड़ी गाड़ी दिखी। गाड़ी लॉक थी। इसके बाद मैंने मिस्त्री को बुलवाकर गाड़ी को खुलवाया। पापा सीट के नीचे पड़े थे। जब हम लोगों ने पापा को उठाया तो देखा बहुत तेज खून बह रहा था। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे हम उन्हें अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

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