सातवें और अंतिम चरण का मतदान पूरा होने से पहले ही टीवी चैनलों ने लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा कर दी और यह भी घोषणा कर दी कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की वोटिंग को लेकर पूरा ‘डेटा’ बाहर आया नहीं है। इसलिए इन राज्यों में नतीजे क्या होंगे, इनके भविष्य का कोई अनुमान नहीं लगा सकता, लेकिन इन सभी राज्यों में होने वाले मतदान की पूरी जानकारी न लेकर ‘एग्जिट पोल’ वाली कॉरपोरेट कंपनियों ने बेहिचक ठोक दिया कि एक बार फिर मोदी आ रहे हैं और भाजपा और उसके गठबंधन को ३५० से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। भाजपा को ३५० सीटें मिल जाए इन लोगों ने ऐसा कौन सा बड़ा काम किया है? लोग २०१४ और २०१९ से ज्यादा मोदी को वोट दे रहे हैं और मोदी तीसरी बार जीत रहे हैं, इस तरह का माहौल तैयार करना सिर्फ पैसों का कॉर्पोरेट खेल है। १ तारीख को प. बंगाल, उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए। प. बंगाल की १० सीटों के लिए करीब ५९.१५ फीसदी वोटिंग हुई। चुनाव आयोग चार-पांच दिन बाद इस आंकड़े में पांच से दस फीसदी और जोड़ देगा। फिर एग्जिट पोल वालों ने प. बंगाल में नतीजे किस आधार पर तय किए? हरियाणा में कुल १० लोकसभा सीटें हैं। अब गड़बड़ी समझिए। जी न्यूज के एग्जिट पोल में दिखाया गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को १० लोकसभा सीटों में से १६ से १९ सीटें मिलेंगी। अनुमान लगाया गया है कि एनडीए राज्य में छह से आठ सीटें जीतेगा, जबकि हिमाचल प्रदेश में केवल चार सीटें हैं। बिहार में भी लोक जनशक्ति पार्टी ने वैसे तो पांच सीटों पर चुनाव लड़ा है, लेकिन एग्जिट पोल में पार्टी छह सीटें जीत सकती है ऐसा ठोक दिया गया। झारखंड में जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है, वहीं पार्टी तीन सीटों पर जीत हासिल करेगी, एग्जिट पोल ने ऐसा ‘चमत्कार’ कर दिया है। यह सब फर्जी आंकड़ों का खेल है। देश की जनता का मूड और ये एग्जिट पोल बिल्कुल मेल नहीं खाते। जिस तरह के आंकड़े सामने आए हैं वे सभी सरकारी दबाव तंत्र और भाजपा द्वारा फेंके गए पैसों का खेल हैं, लेकिन पैसे की खातिर ‘पोल’ कंपनियों ने खुद को बेआबरू कर लिया है। कांग्रेस ने तमिलनाडु में सिर्फ ९ सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन ‘आजतक’ के एग्जिट पोल में तमिलनाडु में कांग्रेस को १३-१५ सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन सभी आंकड़ों पर नजर डालें तो एग्जिट पोल में भाजपा को ३५० भी कम ही सीटें दी हैं। हालांकि लोकसभा में ५४३ सीटें हैं, लेकिन भाजपा को ८०० से ९०० सीटें हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं थी। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन फायदेमंद साबित हो रहा है, लेकिन एग्जिट पोल ने दावा कर दिया है कि भाजपा को दिल्ली की सभी ७ सीटें मिलेंगी। सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले १० वर्षों में हर चुनाव में जीत गड़बड़ी कर हासिल की है। इसमें इस एग्जिट पोल की भी हिस्सेदारी है। इस बार हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि एग्जिट पोल के आंकड़ों और ४ जून के वास्तविक नतीजों में बहुत बड़ा अंतर होगा। एग्जिट पोल के जरिए वे शेयर बाजार में उथल-पुथल मचाकर और जाते-जाते बड़ा हाथ मार लेते हैं। एग्जिट पोल का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और सत्ता भाजपा के हाथों में जाने के बाद मन चाहे आंकड़े और परिणाम सीधे-सीधे खरीदे जाते हैं। यह उनकी तय नीति है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जरूर जीत हासिल करेगी इस तरह के आंकड़े एग्जिट पोल बता रहा था। लेकिन इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की हार हुई थी। इन आंकड़ेबाजों का अंदाजा था कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी। ऐसा नहीं हुआ। पिछली विधानसभा में अमित शाह द्वारा आंकड़े पहले ही घोषित कर दिए गए थे कि बंगाल में बड़ी जीत हासिल कर ली है, लेकिन प. बंगाल में ममता बनर्जी को मिली बंपर जीत। लब्बोलुआब ये है आपके एग्जिट पोल के हाल हैं। यह लोगों में भ्रम पैदा कर मतदान व्यवस्था को प्रभावित करने का खेल है। अमित शाह द्वारा पिछले ४८ घंटे में देश के डेढ़ सौ से अधिक जिला अधिकारियों एवं जिला मजिस्ट्रेट को फोन कर ‘दम’ देने की जानकारी सामने आई है। मतगणना में भाजपा की मदद करें, विपक्ष द्वारा आपत्ति किए जाने पर उसे नजरअंदाज करें, इस तरह से अमित शाह द्वारा अनेक जिलाधिकारी को धमकाए जाने की बात कही जा रही है। अगर ये सच है तो चुनाव आयोग कठपुतली बन गया है और सिर्फ तमाशा देख रहा है ऐसा कहा जाना चाहिए। जिस तरह मोदी ध्यान में बैठे, वैसे ही हमारा चुनाव आयोग भी बगुले की तरह आंखें बंद करके ध्यान में बैठा है। बेशक, लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और मतदाता राजा है। ४ जून को वोटों की गिनती होगी और तानाशाही का अंधेरा दूर हो जाएगा। भाजपा वाले कहते हैं कि मोदी ने ध्यान करके सूर्य को शांत किया। मोदी ध्यान भी करें तो भी लोगों के मन में उपजे आक्रोश को शांत नहीं कर पाए हैं और इस वजह से भाजपा की हार तय है। भाजपा २२५ सीटों से आगे नहीं बढ़ रही है और इंडिया गठबंधन २९५ से ३१० सीटें जीतकर सरकार बनाएगा। एग्जिट पोल गुवाहाटी में काटे गए भैंसा की तरह है। इससे वास्तविक परिणाम नहीं बदलेगा। मोदी है तो इंडिया गठबंधन की जीत शत-प्रतिशत मुमकिन है! मोदी जा रहे हैं यही ४ जून का असली नतीजा है।