सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार ने महिलाओं के लिए चौथी नीति बनाई है। इस नीति के तहत महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी के तहत राज्य के महामार्गों पर हर २५ किलोमीटर की दूरी पर सुसज्जित शौचालय बनाए जाएंगे। इन शौचालयों का संचालन और देखरेख स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को महामार्गों पर अपने उत्पादों की बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने दी।
मंत्री तटकरे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस नीति के तहत महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य के महामार्गों पर शौचालयों की खराब स्थिति सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें विशेष रूप से राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, समृद्धि महामार्ग और एक्सप्रेसवे पर हर २५ किलोमीटर की दूरी पर महिलाओं के लिए शौचालय बनाने का निर्णय लिया गया। यह परियोजना महिला एवं बाल विकास विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग के समन्वय से संचालित की जाएगी। इन शौचालयों का निर्माण सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा, जबकि इनका प्रबंधन महिला विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा। सरकार की इस नीति को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि अगर राजमार्गों पर किसी कारणवश ट्रैफिक जाम हो गया और यातायात घंटों बाधित रहा तो इस स्थिति में महिलाओं को शौच या अन्य चीजों की आवश्यकता पड़ सकती है तो ऐसे में महिलाएं २५ किमी की दूरी आने का इंतजार करती रहेंगी क्या? महिलाओं के शौचालयों के बीच की दूरी अधिक होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।