सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा बस किराए पर लेने के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही शिंदे द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा किए जाने की चर्चा है।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने बस खरीदी में २८०० करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए थे। नेता प्रतिपक्ष के आरोप के बाद बीजेपी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि पैâसलों की समीक्षा में कोई बुराई नहीं है। बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा बस किराए पर लेने के फैसले पर रोक लगा दी है। सीएम ने शिंदे की अगुवाई वाली सरकार के इस फैसले का रिव्यू किया था और फिर बाद में इस पर रोक लगाने का फैसला किया। अभी स्पष्ट नहीं है कि मुख्यमंत्री पिछली सरकार के और भी फैसलों का रिव्यू करेंगे। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि शिंदे सरकार के सभी फैसलों की फडणवीस सरकार समीक्षा करेगी। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि इस फैसले में घोटाला हुआ है। हमने रिपोर्ट सुना है कि सीएम ने बस किराए पर लेने के फैसले को खारिज कर दिया है, लेकिन इस बारे में कुछ कन्फर्मेशन नहीं मिली है। अंबादास दानवे ने कहा कि १,३१० बसों की हाइरिंग तेल के बगैर ३४.७ रुपए से ३५.१ रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से की गई थी और इसको लेकर एक लेटर ऑफ इंटेंट भी साइन किया गया था। अगर प्रति बस २२ रुपए प्रति किलोमीटर का ही हिसाब लगाया जाए तो प्रत्येक बस प्रति किलोमीटर के हिसाब से ५६ से ५७ रुपए तक पड़ेगा। पहले के कॉन्ट्रेक्ट के हिसाब से १२-१३ रुपए का अंतर है। यह एक घोटाला है।
किन रूट्स पर चलाई जानी थी बसें?
दरअसल, सितंबर २०२४ में शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले को एमएसआरटीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। दिसंबर में एमएसआरटीसी ने तीन प्राइवेट कंपनियों के साथ एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) जारी किए।
शिंदे सरकार के फैसले के रिव्यू पर क्या बोले बावनकुले
एकनाथ शिंदे सरकार में लिए गए और भी पैâसलों के संभावित रिव्यू के एक सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और रेवेन्यू मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि कई पैâसले शीर्ष नेतृत्व की जानकारी के बिना लिए जाते हैं। देवेंद्र फडणवीस किसी भी प्रोजेक्ट को नहीं रोकेंगे, लेकिन प्रोजेक्ट की समीक्षा करने में कोई बुराई नहीं है। अगर पैâसले में कुछ कमियां हैं तो वह सामने आ जाएंगी। अगर नहीं हैं तो प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी।