सामना संवाददाता / पुणे
डबल इंजन की भाजपा सरकार बेरोजगारी दूर करने और लोगों को रोजगार देने की बात करती है। मगर उसकी कथनी और करनी में भारी अंतर है। फडणवीस ने एक झटके में पुणे के न सिर्फ हजारों लोगों के घर छीन लिए, बल्कि उन्हें बेरोजगार भी कर दिया है। पिंपरी-चिंचवड में ४६५ एकड़ में बने झोपड़ों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज कर दिया गया है। इनमें बड़ी संख्या में लघु उद्योग भी चलते थे।
बुलडोजर ने २,८४५ झोपड़े किए ध्वस्त! – पेज २
बुलडोजर ने २,८४५
झोपड़े किए ध्वस्त!
-सरकार ने गरीबों का छीना आशियाना
पुणे से जुड़ा पिंपरी-चिंचवड एक औद्योगिक क्षेत्र है। इस क्षेत्र के चिखली और कुदलवाड़ी में कल बड़ी कार्रवाई करते हुए ४६५ एकड़ भूमि पर बने २,८४५ झोपड़ों को जमींदोज कर लोगों का आशियाना छीन लिया है। इस क्षेत्र में कई छोटे और बड़े व्यवसाय चलते थे, जहां लाखों लोगों को रोजगार मिलता था। नगर निगम की इस कार्रवाई के चलते लगभग दो लाख लोगों का रोजगार छिन गया है।
लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, क्योंकि इस क्षेत्र में ज्यादातर कबाड़खाने थे, जिन पर हजारों परिवारों की रोजी-रोटी निर्भर थी। स्थानीय कारोबारियों और श्रमिकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि वो पिछले २५ सालों से वहां कारोबार कर रहे थे और मनपा को टैक्स भी देते थे, फिर अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की गई? उन्होंने आरोप लगाया कि स्क्रैप गोदामों को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए बाधा माना जा रहा है।
अमानवीय और क्रूर
लघु उद्यमी संघ के अध्यक्ष संदीप बेलसरे ने कहा कि यह अमानवीय और क्रूर कार्रवाई है, जिससे हजारों लोग बेघर और बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या महानगर पालिका और प्रशासन इस नुकसान की भरपाई करेगा? इस मामले पर कानूनी सलाह लेने की बात भी कही गई है।