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पीलीभीत एनकाउंटर को परिजनों ने बताया फर्जी!… कहा, वो तीनों दोस्त थे, सीधे और भोले भाले थे

– मंगलवार शाम पंजाब से दिल्ली होते हुए पीलीभीत पहुंचे परिजन

रमेश ठाकुर/नई दिल्ली
पीलीभीत-पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तानी आंतकियों के परिजनों ने एनकाउंटर को फर्जी बताया है। तीनों आतंकियों के परिजनों ने कहा, उनके बेटे सीधे और सामान्य थे, कभी किसी आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं रहे। जबरदस्ती उनको आतंकी बनाकर मारा गया। घटना के दौरान वह निहत्थे थे। तीनों शव पीलीभीत के सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए रखे गए। पुलिस परिजनों के आने का इंतजार कर रही थी। मंगलवार शाम तक पीएम नहीं हो पाए, क्योंकि परिजन देरी से वहां पहुंचे।

– आतंकियों के परिवारजनों ने कहा

मारे गए आतंकी गुरविंदर सिंह (25) के पिता गुरदेव सिंह ने कहा उनका बेटा मजदूर था। वह बहुत शर्मीले स्वभाव का था, उसने आज तक कोई ऐसी वारदात नहीं की जो आतंकी घटनाओं से वास्ता रखती हो। उसके पास असलहा-वसलाह कुछ नहीं था। घर में साइकिल तक नहीं है। हमारा परिवार जैसे-तैसे मजदूरी करके तो पेट पालता है।

वहीं, दूसरे आतंकी जसनप्रीत सिंह (18) के पिता तारुन सिंह बोले, बेटा कुछ महीनों पहले ही बालिग हुआ था और अनपढ़ था। उसके पास मोबाइल तक नहीं था। पुलिस चौकी पर हमले की कहानी को भी उन्होंने मंनगढत बताया।

तीसरे आतंकी वीरेंद्र सिंह (23) के पिता रंजीत सिंह ने कहा घटना से वह टूट गए हैं। पुलिस की थ्योरी ने उनके परिवार पर आतंकी निशान लगा दिया। पिता के साथ वीरेंद्र के बहनोई गुरमीत सिंह भी पीलीभीत पहुंचे। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र कभी किसी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल नहीं रहा। 7-8 दिन पहले ही घर से काम धंधे के लिए निकला था। कहां जाएगा, ये उसने नहीं बताया।

– पंजाब पुलिस परिजनों पीलीभीत लेकर गई
मारे गए तीनों आतंकियों के परिजन पंजाब पुलिस के साथ गुरदासपुर से पीलीभीत के लिए सुबह आठ बजे निकले। दोपहर करीब एक बजे दिल्ली पहुंचे, फिर वहां से पीलीभीत को निकले। इस बीच परिजनों को किसी से मिलने नहीं दिया। पीलीभीत पहुंचने पर उन्होंने मीडिया वालों से बातचीत की और कई खुलासे भी किए।

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