मुख्यपृष्ठनए समाचारकिसान मर रहे हैं भूखे... घोटालेबाज खा रहे मलाई!

किसान मर रहे हैं भूखे… घोटालेबाज खा रहे मलाई!

-विधानसभा में विरोधी पक्षनेता का हमला

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र में सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान दर-दर भटकने को मजबूर हो गए हैं। इस बजट में शिंदे सरकार ने किसानों के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया है। धान, कपास, सोयाबीन उत्पादक किसान संकट में हैं। महंगाई के कारण किसान भुखमरी के कगार पर हैं। कृषि उत्पादों की गारंटी नहीं है। ऐसे शब्दों में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में घोटालेबाजों के अच्छे दिन आ गए हैं और वे मलाई खा रहे हैं। यह सरकार अयोग्य अधिकारियों को मनचाहा पद देकर मनचाहा काम कर रही है। महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों के तबादले नहीं किए जा रहे हैं। इस मनमानी के कारण राज्य पतन की ओर जा रहा है। ऐसे शब्दों में वडेट्टीवार ने सरकार को खरी-खोटी सुनाई है।
वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में किसानों की हालत चिंताजनक है। मराठवाड़ा विदर्भ की स्थिति गंभीर है, लेकिन यह सरकार लगातार आंखें मूंदे बैठी है। प्रदेश में घोटालों का सिलसिला चल रहा है। नागपुर में हुए शीतकालीन सत्र की घोषणाओं पर अमल नहीं हुआ है। विदर्भ, मराठवाड़ा के किसानों और जनता को धोखा दिया गया है। किसानों की आत्महत्या नहीं रुक रही है। राज्य में झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना घोटाला, ठाणे में मोघरपाड़ा मेट्रो कार्य घोटाला, दर अनुबंध घोटाला, खारभूमि घोटाला, जल जीवन मिशन घोटाला, साड़ी घोटाला, मोबाइल घोटाला चल रहा है। ऐसे में वडेट्टीवार ने मांग की कि सरकार को इन घोटालों में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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