सामना संवाददाता / मुंबई
दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों पर शोध के लिए विश्वभर में प्रशंसा पाने वाले ‘ठाकरे वाइल्डलाइफ फाउंडेशन’ ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के मालरान (सूखी घास के मैदानों) में १० साल से लंबे शोध को जारी रखा है। यहां शोध में एक नई आकर्षक छिपकली की प्रजाति का पता लगा है। ‘ओफीसॉप्स’ प्रजाति की छिपकली की इस खूबसूरत नई प्रजाति का नाम ‘ओफीसॉप्स वेनस्टस’ रखा गया है।
तेजस ठाकरे की टीम को बड़ी सफलता
‘ठाकरे वाइल्डलाइफ फाउंडेशन’ के माध्यम से तेजस ठाकरे के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने ‘ओफीसॉप्स वेनस्टस’ की खोज की। शोधकर्ताओं में तेजस ठाकरे के साथ हर्षिल पटेल, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक राजू व्यास, जर्मनी से झिशान मिर्जा, लंदन से शौनक पाल शामिल हैं। उनके शोध पर ‘टैप्रो बॉनिका’ जैसी प्रसिद्ध पत्रिका में स्थान मिला है। यह शोध न केवल भारतीय जैव विविधता को समझने में मदद करेगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।
इस नई छिपकली ओफीसॉप्स वेनस्टस का स्वरूप सुंदर और मनमोहक है। सुंदर होने की वजह से नई प्रजाति की छिपकली का नाम ‘ओफीसॉप्स वेनस्टस’ रखा गया है। यह छिपकली ‘स्नेक-आइज’ ग्रुप से संबंधित है। यह छिपकली समुद्र तल से ८०० मीटर की ऊंचाई पर घास के मैदानों में पाई जाती है।