धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के राज में अन्य विभागों की तरह ही एफडीए भी बदहाली की मार झेल रहा है। ‘ईडी २.०’ में मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा एफडीए आउट ऑफ ऑर्डर चल रहा है। बताया गया है कि ऑनलाइन एप्लीकेशन पोर्टल भी पिछले कई दिनों से बंद है। इस वजह से प्रदेश में ९१ हजार दवा उत्पादकों, होलसेलरों और केमिस्टों की परेशानी बढ़ गई है। इसमें मुंबई के करीब १८ हजार केमिस्टों और होलसेलरों का भी समावेश है।
उल्लेखनीय है कि एफडीए को औषधि व प्रसाधन सामग्री अधिनियम, १९४० और १९४५ के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने के साथ ही दवाइयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूसरी तरफ पारदर्शिता के तहत काम करने के इरादे से एफडीए की ओर से एप्लीकेशन करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर मुंबई समेत पूरे राज्य में मेडिकल स्टोर खोलने के लिए नए लाइसेंस, रिन्युवल और नए दवा उत्पाद को लेकर कंपनियां आवेदन करती हैं। हालांकि, पिछले छह दिनों से पोर्टल बंद होने से ये सभी काम प्रभावित हो रहे हैं।
९१ हजार दवा उत्पादकों व
केमस्टिों की बढ़ी परेशानी
मुंबई में हैं १५००० केमिस्ट
ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने कहा िक छह दिनों में मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में करीब पांच से छह हजार केमिस्ट, होलसेलर और दवा उत्पाद कंपनियां प्रभावित हुए हैं।
अभय पांडेय ने कहा कि मुंबई में करीब १५००० केमिस्ट और ३००० होलसेलर हैं। इसी तरह एमएमआर में ५० दवा उत्पादक कंपनियां हैं। हालांकि, पोर्टल बंद होने से इनमें से कई के रिन्युवल समेत कई तरह के आवेदन के कामकाज प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि एफडीए की ओर से कार्रवाई के डर से अभी तक इसे लेकर किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गई है।
एफडीए में विभिन्न संवर्गों के लिए ४१७ पद मंजूर हैं, जिनमें से २१६ यानी करीब ५० प्रतिशत पोस्ट खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक, औषधि निरीक्षकों के मंजूर २०० पदों में से ११७ पद रिक्त हैं। विश्लेषणात्मक रसायन विशेषज्ञों के ४० में से १३ पद और वरिष्ठ तकनीकी सहायकों के ४५ में से २९ पद रिक्त हैं। विभिन्न संवर्गों में बड़ी संख्या में रिक्तियां एफडीए के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं।