प्रशासन से लगाई बचाने की गुहार
सामना संवाददाता / मुंबई
सोमवार को मुंबई और उपनगरों में हुई बेमौसम बरसात और आंधी ने तबाही मचा दी। तेज हवा के कारण घाटकोपर में विशालकाय होर्डिंग गिरने की दर्दनाक दुर्घटना में १४ लोगों की जान चली गई, जबकि ७० से अधिक घायल हो गए। इस घटना के बाद अब उन नागरिकों के दिलों में खौफ पैदा हो गया है, जिनके घरों के आस-पास छोटी या बड़ी होर्डिंग्स लगी हुई है। बता दें कि शहरभर में लगे इन होर्डिंग्स की जांच करने की मांग तेज हो गई है।
अधिकांश होर्डिंग्स पर नजर आते हैं पीएम मोदी
पूर्व नगरसेविका व सपा महिला सेल की मुंबई अध्यक्षा रुखसाना नाजिम सिद्दीकी ने कहा कि शहरभर में विशालकाय होर्डिंग्स का जाल बिछा हुआ है और अब तो एलईडी होर्डिंग्स लग रहे हैं जो और भी खतरनाक हैं, जिसकी वजह से वाहन चालकों का ध्यान भटकता है और बड़ी दुर्घटना की आशंका बन जाती है। रुखसाना सिद्दीकी ने आगे कहा कि मुंबई में लगे कई होर्डिंग्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नजर आते हैं, यही वजह है कि इन होर्डिंग्स की जांच नहीं की जाती है।
होर्डिंग्स कंपनी और अधिकारियों के बीच सांठ-गांठ
विक्रोली में रहनेवाले समजसेवी अनवर शेख का कहना है कि अगर समय पर होर्डिंग्स का स्ट्रक्चरल ऑडिट होता तो शायद घाटकोपर वाली घटना नहीं होती और मारे गए लोगों की जान बच गई होती। यह सही है कि होर्डिंग्स कंपनी और अधिकारियों के बीच कुछ तो सांठ-गांठ है। उन्होंने आगे कहा कि बड़े-बड़े विज्ञापन व लाइटों से जगमगाते इन होर्डिंग्स की देख-रेख सालों तक नहीं की जाती है। घाटकोपर की घटना के बाद कम से कम अब तो प्रशासन खतरनाक होर्डिंग्स का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाए। अनवर शेख ने मांग करते हुए कहा कि होर्डिंग कंपनी के साथ साथ मनपा अधिकारियों पर भी पुलिस स्टेशनों में मामला दर्ज होना चाहिए, क्योंकि अगर वह समय पर करवाई करते तो आज यह हादसा नहीं होता।