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सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने का डर …असर के सीएम ने दी धमकी…कहा- बंद का किया आह्वान तो पार्टी का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द

सामना संवाददाता / नई दिल्ली 
देशभर में सीएए को लागू कर दिया गया है। इसके खिलाफ असम में विपक्षी दलों, छात्रों और अन्य संगठनों ने तीव्र विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। जिसके बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा धमकी पर उतर आए। हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, पर यदि कोई राजनीतिक दल हाईकोर्ट के बंद पर रोक के आदेश की अवहेलना करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि ११ दिसंबर, २०१९ को राज्यसभा द्वारा सीएए पारित करने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें आंदोलनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ तीखी झड़प हुई, जिससे प्रशासन को कई कस्बों और शहरों में कर्फ्यू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस कानून के बनने के बाद देशभर में महीनों तक विरोध प्रदर्शनों का दौर चला था, जो कोविड-१९ महामारी के कारण थम गया। कानून को आलोचकों द्वारा मुस्लिम विरोधी और असंवैधानिक बताया जाता रहा है।
हाई कोर्ट ने दिया आदेश
रिपोर्ट के मुताबिक, हिमंता बिस्वा शर्मा  ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, २०१९ (सीएए) के किसी भी विरोध को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाना चाहिए और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि कानून पहले ही बन चुका है। उन्होंने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल अदालत के आदेश की अवहेलना करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि छात्र संगठनों के लिए बंद का आह्वान करना स्वीकार्य है, लेकिन इस पर गुवाहाटी हाईकोर्ट की रोक के आदेश के कारण राजनीतिक दल राज्य में ऐसा नहीं कर सकते।
पहले भी हो चुका है विरोध
गौरतलब है कि विपक्षी दलों, छात्रों और अन्य संगठनों ने सीएए के खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इसके पहले १६-पार्टी यूनाइटेड अपोजिशन फोरम असम (यूओएफए) ने राज्य के कलियाबोर में धरना प्रदर्शन किया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। मंच ने कहा कि विवादास्पद अधिनियम लागू होने के अगले ही दिन राज्यव्यापी बंद बुलाया जाएगा, जिसके बाद जनता भवन- सचिवालय का ‘घेराव’ किया जाएगा। इसने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें कहा गया कि अगर सीएए को रद्द नहीं किया गया तो वे राज्य भर में ‘लोकतांत्रिक जन आंदोलन’ करेंगे।
ाीएम ने दी धमकी!

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