सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उप मुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजीत पवार ने शपथ तो ले ली है, लेकिन अभी तक मंत्रालयों के बंटवारे पर अंतिम पैâसला नहीं हुआ है। महायुति के तीनों दलों भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के बीच अहम मंत्रालयों को लेकर आपसी रस्साकशी जारी है। इसी बीच खबर आ रही है कि अजीत दादा के हाथ से वित्त मंत्रालय फिसल सकता है। इसके तहत शिंदे को झटका देने के बाद भाजपा अजीत दादा से किया वादा भी तोड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने गृह, नगर विकास और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने पास रखने का पैâसला किया है, जबकि इन विभागों को लेकर एकनाथ शिंदे एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वे नाराज भी हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
वित्त मंत्रालय अपने पास रखने पर अड़ी भाजपा!
भाजपा ने एकनाथ शिंदे को एक तरह से दरकिनार कर दिया है। भाजपा ने उन्हें झटका देते हुए पहले सीएम पद से दूर किया और फिर गृह और नगर विकास मंत्रालय भी नहीं देने के मूड में है, जबकि अजीत पवार जब भी उप मुख्यमंत्री बने हमेशा उन्होंने वित्त मंत्रालय अपने पास रखा। लेकिन इस बार उस विभाग को भाजपा अपने पास रखने पर अड़ी हुई है। अजीत पवार गुट के विधायक अमोल मिटकरी ने आक्रामक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय यदि किसी के पास जाएगा तो वह अजीत पवार के पास ही जाएगा। अजीत पवार से ज्यादा बेहतर वित्त विभाग को और कोई नहीं संभाल सकता। अमोल मिटकरी ने अजीत पवार को वित्त मंत्रालय न दिए जाने की खबर पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अजीत पवार वित्तमंत्री नहीं बनते तो इस सरकार का कोई ‘अर्थ’ नहीं है।