सामना संवाददाता / पुणे
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की जांच के पैâसले से अब लाडली बहनें नाराज हैं। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लाडली बहनों के पास पूछताछ के लिए जा रही हैं, अब उन्हें इन बहनों से गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। गुस्से भरी आवाज में इन बहनों का कहना है कि हमने जो वोट दिया है, पहले उसे वापस करो, उसके बाद पूछताछ के लिए आओ। इस तरह का गुस्सा राज्य भर में लाडली बहनें फडणवीस सरकार के खिलाफ जाहिर कर रही है।
जिसने बनाया पात्र, उनकी करो जांच
लाडली बहनों का एक स्वर में यही कहना है कि जिन लोगों ने हमें पात्र बताया और बिना जांच के हमारे खातों में पैसे जमा किए, उनके खिलाफ कार्रवाई करें और उनकी जांच करें।
गुस्सा क्यों?
मुख्यमंत्री ‘माझी लाडली बहन’ योजना का लाभ लेने वाले परिवार के पास चार पहिया वाहन है, तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यह एक पुराना मानदंड है, लेकिन बहनों का वोट लेने के बाद, सरकार ने नए मानदंडों को सख्ती से लागू करने का पैâसला किया है और ४ तारीख से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे हैं। चार पहिया वाहन रखने वाली महिलाओं को योजना से बाहर करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
पुणे जिले की २१ लाख ११ हजार ९९१ महिलाओं द्वारा इस योजना के लिए आवेदन किया गया था। हालांकि, सरकार ने चार पहिया वाहन रखने वाले आवेदकों को अपात्र घोषित करने का निर्णय लिया है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सचिव डॉ. अनूप कुमार यादव ने वीडियो कांप्रâेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। परिवहन विभाग के सहयोग से वाहन मालिकों की सूची तैयार कर जिलाधिकारी को भेज दी गई है। इस पर लाडली बहनों का कहना है कि हमारे वोट को अयोग्य ठहराओ और फिर सरकार बनाओ।
जिला परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी जामसिंह गिरासे ने कहा कि हम सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों को तुरंत लागू कर रहे हैं।
योजना के लिए आवश्यक मानदंड क्या हैं?
लाभार्थी महिला की आयु १८ से ६५ वर्ष के बीच होनी चाहिए। परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए के भीतर होनी चाहिए। परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए और संजय गांधी निराधार योजना जैसी किसी अन्य योजना का लाभ नहीं लेना चाहिए। यदि आवेदक के पास या परिवार के नाम पर चार पहिया वाहन है, तो आवेदक अपात्र होगा। इस पैâसले पर महिला वर्ग में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। जहां कुछ ने सरकार के पैâसले का समर्थन किया है, वहीं कई महिलाओं ने इस पर गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि घर में चार पहिया वाहन रखने का मतलब अमीर होना नहीं है। कई बार कार पिता के नाम या भाई के नाम पर होती है, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती।