सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा के टी वॉर्ड को १,९७० प्रकल्पग्रस्तों (परियोजना प्रभावित लोगों) के लिए घरों की जरूरत है, जिसके लिए मुलुंड-पश्चिम में एलबीएस मार्ग पर व्यवस्था की गई है। वहीं एस-विभाग को २,१३५ प्रकल्पग्रस्तों के लिए घरों की आवश्यकता है, जिसके लिए भांडुप में व्यवस्था की गई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि मुलुंड-पूर्व में बनाए जा रहे ७,४३९ घर आखिर किसके लिए हैं? क्या पूरी मुंबई का बोझ केवल मुलुंड-पूर्व पर ही डाला जाएगा? प्रयास संस्था के अध्यक्ष एड. सागर देवरे ने यह सवाल राज्य सरकार से किया है।
मुंबई के विभिन्न हिस्सों के परियोजना प्रभावित लोगों (प्रकल्पग्रस्त) और धारावी के निवासियों को मुलुंड में बसाने के निर्णय का मुलुंडवासियों ने कड़ा विरोध किया है। देवरे ने कहा कि राज्य सरकार और मुंबई मनपा द्वारा मुलुंड में ७,४३९ घरों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे इलाके की जनसंख्या लगभग ५०,००० तक बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के तहत करीब ४ लाख अपात्र (अयोग्य) लोगों का पुनर्वास भी मुलुंड में करने की योजना है।
उद्धव ठाकरे को सौंपा गया ज्ञापन
ईशान्य मुंबई के शिवसेना सांसद संजय दीना पाटील की अगुवाई में हाल ही में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे ) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे को इस मुद्दे को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। एड. सागर देवरे ने इस दौरान कहा कि धारावी के निवासियों का पुनर्वास मुलुंड में नहीं होना चाहिए और मुलुंडवासियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने मुलुंडवासियों को जोरदार आंदोलन करने की सलाह देते हुए अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।