सामना संवाददाता / मुंबई
भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की ताकत का जीता-जागता उदाहरण हैं अमरजीत सिंह, जिन्होंने मुंबई की झोपड़पट्टियों में पले-बढ़े होने के बावजूद राज्यसभा इंटर्नशिप प्रोग्राम जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्हें यह प्रमाण पत्र भारत के उपराष्ट्रपति माननीय जगदीप धनखड़ के हाथों नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति भवन में प्रदान किया गया।
अमरजीत की यह कहानी केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, आशा और दृढ़ संकल्प की प्रतीक है। एक ऐसे परिवार में जन्मे जहां उनके पिता चौकीदार की नौकरी करते थे, अमरजीत ने बलिदान, कठिन परिश्रम, सामाजिक प्रतिबद्धता और लोकतांत्रिक मूल्यों में अडिग विश्वास के बल पर संसद तक की यात्रा तय की।
“यह यात्रा आसान नहीं थी,” अमरजीत कहते हैं, “लेकिन भारत का संविधान अंतिम व्यक्ति को भी सपने देखने और उन्हें पूरा करने की ताकत देता है।” उनके ये शब्द पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, डॉ. भीमराव आंबेडकर जी और कांशीराम जी के उन सपनों की याद दिलाते हैं, जिन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी, जहां हाशिए पर खड़ा व्यक्ति भी संसद तक पहुंच सके।
एल.एस. रहेजा कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (मुंबई विश्वविद्यालय) से वाणिज्य में स्नातकोत्तर करने के बाद, उन्होंने भारतीय जनतांत्रिक नेतृत्व संस्थान (रंभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी) से राजनीति, नेतृत्व और सुशासन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। वर्तमान में वे सीए फाइनल की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही वे पिछले सात वर्षों से झुग्गी बस्तियों के गरीब छात्रों के लिए कार्य कर रहे हैं।
उनके प्रयासों से सैकड़ों बच्चों को शिक्षा, आत्मविश्वास और बेहतर भविष्य की दिशा मिली है। “मेरे लिए शिक्षा ही संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता बनी, और मैं चाहता हूं कि यही रास्ता दूसरों के लिए भी खुले,” वे कहते हैं।
अमरजीत अपनी सफलता का श्रेय विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र-गोवा क्षेत्रीय प्रमुख नरेश पाटील को देते हैं और उन्हें अपने जीवन का मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत मानते हैं। उनके शब्दों में, “यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि भारत की बस्तियों में रहने वाले हर अनदेखे, अनसुने बच्चे की यात्रा है। आज मैं लोकतंत्र के मंदिर में एक दर्शक नहीं, बल्कि उम्मीद का प्रतिनिधि बनकर दाखिल हुआ हूं।” निस्संदेह, अमरजीत की यह यात्रा भारतीय लोकतंत्र की गहराई और संविधान की शक्ति का प्रमाण है, जो हर अंतिम व्यक्ति को असंभव लगने वाले सपनों को हकीकत में बदलने की ताकत देता है।