रोहित माहेश्वरी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में महाकुंभ से जुड़ा एक बड़ा दावा किया गया। उन्होंने कहा कि एक नाविक ने अकेले महाकुंभ में ३० करोड़ रुपए कमाए। इस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा, `अगर सच में एक परिवार ने महाकुंभ में अकेले ३० करोड़ कमाए हैं तो जीएसटी कितना मिला ये भी तो बताएं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि ‘महाकुंभ’ में अपनी कोई सक्सेज स्टोरी नहीं इसलिए दूसरों की गढ़ी जा रही हैं। साथ ही ‘पातालखोजी’ नेताओं को भी नसीहत दी कि पहले सच्चाई जांच लें, फिर महिमामंडन करें। ठगों से एमओयू के बाद अब नामजद आरोपियों की तारीफ सदन में करना अपराधियों के हौसले बुलंद करने जैसा है। अखिलेश यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है। सवाल उठ रहा है कि अगर वाकई महाकुंभ में इतनी बड़ी कमाई हुई तो सरकार को उससे कितना राजस्व मिला?
मायावती के फैसले: रणनीति या हताशा?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक के बाद एक बड़े नेताओं को बाहर कर सभी को चौंका दिया है। जिन नेताओं को कभी खुद आगे बढ़ाया, अब उन्हीं को पार्टी से निकाल दिया। यहां तक कि उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी रहे भतीजे आकाश आनंद भी मायावती के गुस्से का शिकार हो गए। सवाल यह है कि क्या यह बसपा को पुनर्जीवित करने की रणनीति है या लगातार मिल रही नाकामियों से उपजी हताशा? यूपी में बसपा का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है, कोर वोटर भी दूर हो रहे हैं। बीजेपी की `बी टीम’ होने के आरोपों के बीच मायावती अपनी सियासी जमीन तलाश रही हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस सफाई अभियान से बसपा मजबूत होगी या मायावती और अकेली रह जाएंगी?
सीओ साहब के बयान पर बवाल
संभल के सीओ अनुज चौधरी ने सलाह दी कि जिन्हें होली के रंगों से दिक्कत है, वे घर पर ही रहें। बस, फिर क्या था! उनके इस ज्ञानवर्धक सुझाव ने राजनीति में भूचाल ला दिया। सपा प्रवक्ता अमीक जमोइ को इसमें सरकारी ‘चापलूसी’ नजर आई तो सोशल मीडिया पर चौधरी साहब के करियर तक की कुंडली खोल दी गई। त्यौहारों की शांति बैठक कब सियासी अखाड़ा बन गई, किसी को पता ही नहीं चला। अब सीओ साहब रंगों की बात कर रहे थे या राजनीति के नए शेड्स उभार रहे थे, ये तो वही जानें, लेकिन इतना तय है कि मामला होली से ज्यादा `हॉट’ हो गया है!
महाकुंभ में ब्लास्ट की थी साजिश
प्रयागराज महाकुंभ २०२५ को निशाना बनाने की आतंकी साजिश नाकाम हो गई। यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने संयुक्त अभियान में कौशांबी से बब्बर खालसा के संदिग्ध आतंकी लाजर मसीह को गिरफ्तार किया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्प्रâेंस में बताया कि लाजर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था और ड्रोन के जरिए हथियार व गोला-बारूद मंगवा रहा था। उसने महाकुंभ में आतंकी हमले की साजिश रची थी। पुलिस को लंबे समय से इसके मूवमेंट की जानकारी थी। महाकुंभ के दौरान लाजर कौशांबी, लखनऊ और कानपुर में रहा। इससे पहले २३ दिसंबर २०२४ को पीलीभीत में तीन आतंकवादी मारे गए थे। खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने भी महाकुंभ में हमले की धमकी दी थी।