सामना संवाददाता / मुंबई
बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए मशहूर भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में गरीबी और बेरोजगारी को लेकर चिंता प्रकट करते हुए गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने देश में गरीबों को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि आज भी भारत में गरीबी और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। जब तक गरीबी और बेरोजगारी खत्म नहीं होती, तब तक समाज का सामूहिक विकास होना संभव नहीं है। देश की प्रगति के साथ-साथ ऐसी योजनाएं भी बनानी चाहिए, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास हो। एक प्रकार से गडकरी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़ा किया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने पर्यावरण की समस्या को भी उजागर किया। दिल्ली में बढ़े प्रदूषण का जिक्र करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के कारण वे वहां नहीं जाना चाहते हैं। गडकरी ने यह भी कहा कि उन्हें इस समय दिल्ली में रहना पसंद नहीं है, प्रदूषण की वजह से उन्हें संक्रमण हो जाता है।
गडकरी ने कहा कि ‘दिल्ली एक ऐसा शहर है, जहां मुझे रहना पसंद नहीं है। यहां का प्रदूषण मुझे संक्रमित कर देता है।’ मैं जब भी दिल्ली के लिए निकलता हूं तो सोचता हूं कि मुझे दिल्ली जाना चाहिए या नहीं। बहुत भयानक प्रदूषण है।
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि पेट्रोल और डीजल की खपत और उपयोग को कम करना प्रदूषण को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। नितिन गडकरी ने कहा कि भारत २२ लाख करोड़ रुपए का पेट्रोल-डीजल समेत जीवाश्म र्इंधन खरीदता है। यह आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से बहुत चुनौतीपूर्ण है।