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गडकरी ने खोली मोदी सरकार की पोल…आज गरीब, मजदूर, किसान सब दुखी हैं!

-शुद्ध जल, बढ़िया स्कूल और अच्छे अस्पतालों की कमी से आहत हैं केंद्रीय मंत्री

सामना संवाददाता / मुंबई

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विकास के दावे की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि आज देशभर के किसान, मजदूर, गरीब दुखी हैं, क्योंकि उन्हें शुद्ध जल, बढ़िया स्कूल और गांवों में आस-पास अच्छा दवाखाना तक नहीं है। इतना ही नहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में अच्छी सड़कें नहीं हैं। गडकरी ने कहा कि किसानों के उत्पादों को अच्छे दाम तक नहीं मिल रहे हैं।
एक साक्षात्कार में नितिन गडकरी ने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के चल रहे आंदोलन पर भी अपनी स्पष्ट भूमिका व्यक्त की। कांग्रेस द्वारा ट्वीट किए गए एक वीडियो पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि चावल, मक्का, चीनी, गेहूं का अतिरिक्त उत्पादन यह महत्वपूर्ण मुद्दा है। हरियाणा में तो गेहूं और चावल रखने के लिए रेलवे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना पड़ता है। हमारे पास भंडारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कृषि उपज की कीमत मांग और आपूर्ति पर तय होती है, लेकिन हमारे पास अनाज की कीमतों में बहुत अधिक बदलाव नहीं होता है। यह मेरी राय है।

कैसे हुआ ३० फीसदी का अंतर?
जीडीपी में कृषि क्षेत्र के विकास का १२ फीसदी हिस्सा होता है, जबकि उत्पादन क्षेत्र का २२ से २४ फीसदी, सेवा क्षेत्र का ५२ से ५४ फीसदी हिस्सा है। नितिन गडकरी ने कहा कि कृषि क्षेत्र पर ६५ फीसदी आबादी आश्रित है। गांधी जी जिस समय थे, तब ९० फीसदी लोग गांवों में रहते थे। यह ३० फीसदी का अंतर आया कैसे? क्योंकि आज गांव-गांव के मजदूर, किसान दुखी हैं, क्योंकि जल, जमीन, जंगल, जानवर, खेती, आदिवासी क्षेत्रों में अच्छी सड़कें नहीं है। पीने के लिए साफ पानी नहीं है। अच्छे दवाखाना और स्कूल नहीं हैं। किसानों को उपज की अच्छी कीमत नहीं मिलती है। इस तरह नितिन गडकरी ने देश में व्याप्त जनता की समस्याओं की ओर इशारा किया है।

कैसे सुखी और समृद्ध होंगे किसान?
नितिन गडकरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के क्षेत्र में विकास हुआ है, लेकिन यह विकास अन्य क्षेत्रों के विकास की तुलना में बहुत कम है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमने खूब काम किया। गडकरी ने कहा कि इन परिस्थितियों से निपटने के लिए उपाय के तौर पर १६ लाख करोड़ रुपए के आयातित ईंधन में से ५ लाख करोड़ रुपए का इथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन अगर किसानों द्वारा उत्पादित किया जाए तो हमारे देश के किसान खुश और समृद्ध होंगे और गांव में रोजगार पैदा होंगे, ऐसा गडकरी ने कहा।

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