सामना संवाददाता / मुंबई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने आरोप लगाया है कि खेल मंत्रालय में घोटालों का खेल चल रहा है। मंत्रालय ने खेल संस्थानों को खेल और व्यायाम उपकरण उपलब्ध कराने की योजना शुरू की, जिसके तहत करोड़ों रुपए की निविदा की घोषणा हुई। इसी के साथ ही करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को स्थाई रूप से मंजूरी दे दी है। ऐसे में राकांपा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस पर ध्यान दें और तत्काल टेंडर रद्द करें।
राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील माने ने पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए संबंधित दस्तावेज भी सामने रखे। उन्होंने मंत्रालय की आलोचना करते हुए कहा कि इस टेंडर में शुरू में तीन साल और फिर कम से कम १० साल के लिए करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय में इस पर चर्चा है कि इसके पीछे खेल मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री का भी हाथ है।
सालाना २३० करोड़ रुपए का है टेंडर
माने ने कहा कि यह कुल २३० करोड़ रुपए का टेंडर है, जिसमें खेल उपकरणों की व्यवस्था के लिए १५० करोड़ रुपए और हर साल व्यायाम उपकरणों की व्यवस्था के लिए ८० करोड़ रुपए शामिल हैं। यह आपूर्ति लगातार तीन वर्षों के लिए की जानी है। इस तरह तीन साल में यह खर्च ६९० करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। टेंडर में ही यह जिक्र किया गया है कि यदि तीन वर्ष के बाद नया अनुबंध नहीं किया जाता है तो यह १० सालों तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह से १० सालों तक भ्रष्टाचार जारी रहेगा।
ये हैं नियम व शर्तें
नियम व शर्तों में यह प्रावधान किया गया है कि केवल कुछ ही कंपनियां टेंडर के लिए पात्र होंगी। टेंडर के लिए एक साथ ५०० स्थानों पर आपूर्ति करने का अनुभव, ५२ करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर और सकारात्मक नेटवर्क की जरूरत है। हालांकि, कोरोना काल में खेल से जुड़ी कंपनियों का कारोबार पूरी तरह ठप रहा। ऐसे में कुछ ही कंपनियां ऐसी हैं, जिनके पास आपूर्ति के लिए पैसे हैं इसलिए खेल से जुड़ी छोटी कंपनियों को इससे बाहर रखा गया है। ये शर्तें बड़े टर्नओवर वाली कुछ कंपनियों को ध्यान में रखकर लगाई गई हैं।